Bokaro: याद है ! बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज, अमरेंदु प्रकाश ने 1 जनवरी 2022 को नव वर्ष सन्देश देते हुए पुरे संजीदगी के साथ कहा था कि “बीजीएच के सुविधाओं में संवर्धन के क्रम में क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट हेतु 30 मॉनिटर और 15 वेंटीलेटर उपलब्ध कराये जा रहा है”। डायरेक्टर इंचार्ज के दिए हुए सन्देश के पीछे का सच आज गुरुवार को बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने सामने लाया। विधायक ने बीजीएच का दौरा किया और पाया की वेंटीलेटर आया पर उधार में लाया गया और बिना इस्तेमाल किये अब वापस लौटाया जा रहा है।
साल के पहले दिन बीजीएच के सीसीयू की जैसी हालत थी, अब उससे और भी ख़राब हो गई है। बताया जा रहा है कि डायरेक्टर इंचार्ज के ‘नव वर्ष सन्देश’ देने के करीब दो महीने बाद बीएसएल प्रबंधन ने बीजीएच के सीसीयू के लिए 10 वेंटीलेटर राउरकेला स्टील प्लांट के अस्पताल से मंगाया था। पर उसका इस्तेमाल नहीं किया गया। उसे सीसीयू के काउंसलिंग रूम में डंप कर दिया गया। अब फिर उन वेंटीलेटर को राउरकेला स्टील प्लांट के अस्पताल को वापस लौटने की तैयारी चल रही है। Video:
राउरकेला से उन वेंटीलेटर को लाने ले जाने में जो पैसा बर्बाद हुआ सो हुआ। अस्पताल के सीसीयू की हालत नहीं सुधरी। विधायक के पूछने पर बीजीएच प्रबंधन ने कहा कि राउरकेला से मंगाए गए वेंटीलेटर टेक्निकल प्रॉब्लम के वजह से यहां के सीसीयू में फिट नहीं हुए। अब यह तो बीएसएल प्रबंधन ही जाने की लाने से पहले वेंटीलेटर के बारे में जानकारी क्यों नहीं ली गई। इतने तामझाम के बाद भी, बीजीएच का सीसीयू खस्ता हालत में है। उसके 18 बेड में सिर्फ 5 बेड पर ही वेंटीलेटर है।
विधायक ने कहा कि उन्होंने बीजीएच के सीसीयू की खस्ता हालत को अपनी आँखों से देखा है। सीसीयू जैसे क्रिटिकल वार्ड की हालत इतनी ख़राब होगी इसकी उम्मीद नहीं थी। सीसीयू में लगे 18 में से अधिकतर बेड ख़राब है। वेंटीलेटर कमरे में बंद है। नारायण ने इन सब बातो को बीजीएच के इंचार्ज चीफ मेडिकल ऑफिसर के सामने कही। विधायक ने घोषणा की है कि अगर बीजीएच के स्तिथि में सुधार नहीं किया जाता है तो वह धरने पर बैठेंगे और साथ में ज़िले के सब भाजपाई भी बैठेंगे।बोकारो विधायक ने गुरुवार को बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के गिरती चिकित्सा व्यवस्था की पोल-खोल कर रख दी। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा अस्पताल, लापरवाही का शिकार हो रहा है। बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश आँखें मूंदे हुए है। हफ्ते भर पहले डायरेक्टर इंचार्ज ने बीजीएच के सुधार के बारे में सोचा और डॉक्टरों से मीटिंग की। फिर भी जमीनी स्तर पर हालत खस्ता है। दो साल बाद उनको अब बीजीएच की याद आई।
विधायक अपने भाजपा कार्यकर्ताओ के साथ बीजीएच अस्पताल के वार्ड, सीसीयू, कसुअलटी आदि के स्तिथि का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल की हालत देख कर मन दुखी हो गया। वार्ड में पांच दिन से चादर नहीं बदली गई है। वह भी बीएसएल स्टाफ के परिवार की। स्ट्रैटेचेर का चक्का टुटा है। व्हील चेयर टेड़ा चलता है और चक्का ख़राब है। फायर का सिलिंडर एक्सपायरी हो गया है। शौचालय में बदबू और गंदगी ऐसी है की मरीज और बीमार पड़ जाये। वार्ड में पिने के पानी का एक्वागार्ड नहीं है। बेड में ईटा बंधा हुआ है। बीजीएच मरणाशन्न है। बीजीएच के गिरती चिकित्सा व्यवस्था को लेकर हर दिन लोग कम्प्लेन करते है।
विधायक ने कहा है कि एक बार डायरेक्टर इंचार्ज खुद जाकर घूम लें, दिख जायेगा। उन्होंने सितम्बर के पहले हफ्ते में उन्होंने केंद्रीय इस्पात मंत्री से समय माँगा है। वह उनसे मिलने जाएंगे और बीजीएच की ऐसी हालत के बारे में एक-एक चीज़ बताएँगे। जिससे समाधान निकले और बीजीएच की हालत सुधरे। वह प्लांट का दौरा भी करेंगे।