Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) में आज फिर सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। स्तिथि ऐसी हो गई की अस्पताल प्रबंधन को पुलिस बुलानी पड़ी। कारण था, बीजीएच के कसुअलटी में डॉक्टरों ने साप काटने के बाद इलाज के लिए पहुंचे 19 साल के लड़के विकास कुमार को एडमिट करने से मना कर दिया। डॉक्टरों ने उस लड़के के परिवारवालों को यह कहते हुए सदर अस्पताल भेज दिया की सीसीयू में बेड फुल है।
ज़िले के सबसे बड़े अस्पताल बीजीएच से उस लड़के को सदर अस्पताल ले जाया गया पर वहां डॉक्टरों ने अच्छे इलाज के लिए उसे फिर बीजीएच भेज दिया गया। इन सब के बीच लड़के की तबियत बिगड़ती चली गई और अंत में उसकी मृत्यु हो गई। उसके मृत्यु के बाद परिवारवाले आपा खो बैठे और बीजीएच में शव को रखकर खूब हंगामा किये।
मृतक के परिजनों ने बीजीएच के डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा की सही समय में इलाज नहीं करने के चलते विकास की मृत्यु हुई है। इसमें डॉक्टर की सरासर लापरवाही है। मृतक का परिवार गरीब है और सेक्टर 9 के कूलिंग पोंड-2 के बसंती मोड़ से सटे बस्ती में रहता है। इस घटना के बाद बस्ती वाले अस्पताल पहुंच गए और बीजीएच में हंगामा किये।
यह है पूरा मामला –
परिजनों के अनुसार बीती रात लगभग 2:30 बजे के करीब विकास कुमार को सर्पदंश के बाद बोकारो जनरल अस्पताल लाया गया था। जहां परिजनों ने डॉक्टर को सांप काटने की बात बताई और इलाज करने को कहा मगर डॉक्टर ने बेड खाली नहीं होने की बात कही और इलाज नहीं किया। परिजनों के अनुसार मरीज विकास कुमार मरने से पहले डॉक्टर से विनती करता रहा कि मुझे फर्श पर ही लेटा दिया जाए, मगर मेरा इलाज कर दें। पर उसकी एक न सुनी गई और उसे सदर अस्पताल ले जाने को कहा गया।
सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने स्थिति को बिगड़ता देख उसे फिर से वापस बोकारो जनरल अस्पताल ले जाने को कहा। आनन-फानन में उसे फिर से बोकारो जनरल अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद लोगों ने बोकारो जनरल अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्य गेट को जाम कर दिया।
स्थानीय थाना पुलिस व अस्पताल प्रबंधन के कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। मौके पर मौजूद सेक्टर 4 थाना प्रभारी अजय प्रसाद ने बताया कि मामला की जाँच की जा रही है। अगर परिजन लिखित शिकायत देते हैं तो निश्चित तौर पर उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
बीएसएल के प्रवक्ता मणिकांत धान ने कहा कि बीजीएच का सीसीयू फूल होने के वजह से डॉक्टरों ने मृतक को कही और अच्छी जगह इलाज करने को कहा था। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है।