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मौसमी बुखार, डेंगू, डायरिया और अब चिकेनगुनिया भी, टाउनशिप में फोगिंग-छिड़काव ना के बराबर, कब जागेगा BSL प्रबंधन ?


Bokaro: ज़िले का बोकारो स्टील टाउनशिप इन दिनों मच्छर जनित बीमारियों के चपेट में है। डेंगू के साथ-साथ चिकेनगुनिया के भी मरीज मिल रहे है। कई विस्थापित इलाको में लोग डायरिया से भी पीड़ित है। मच्छर जनित बीमारियों के रोकथाम को लेकर बीएसएल प्रबंधन फेलियर साबित हो रहा है। न फोगिंग हो रहा है न छिड़काव।

अपने कमी को छुपाने के लिए बीएसएल प्रबंधन न्यूज़ पेपर में इस्तेहार और ऑटो में अनाउंसमेंट करवाकर लोगो को डेंगू से बचकर रहने के लिए जागरूक करने में लगा हुआ है। बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने बीएसएल प्रबंधन को शहर में डेंगू, चिकेनगुनिया और मलेरिया जैसे बीमारी से बचाव के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग की है।

विधायक ने कहा कि अगर बीएसएल प्रबंधन जल्द ही कुछ नहीं करता है तो स्तिथि विस्फोटक हो सकती है। विधायक ने जिला प्रसाशन से उत्तरी विस्थापित इलाके में मेडिकल टीम भेज कर डायरिया से पीड़ित लोगो को राहत पहुंचने की भी मांग की है। धनबाद सांसद पशुपति नाथ सिंह ने भी कहा है कि बीएसएल प्रबंधन से शहर और आसपास के इलाको में अविलम्ब फोगिंग, छिड़काव करने को कहा है।

बताया जा रहा है कि टाउनशिप के हर सेक्टर में बुखार, उलटी, बदन दर्द से लोग पीड़ित हो रहे है। सेक्टर 9 और आसपास के रहनेवाले लोग इसबार सबसे ज्यादा बीमारी के चपेट में आये है। बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के साथ-साथ वेलमार्क अस्पताल, मुस्कान अस्पताल और डॉक्टरों के प्राइवेट क्लिनिक में बुखार से पीड़ित मरीज अच्छी संख्या में पहुंच रहे है। डेंगू के NS 1 एंटीजन टेस्ट में अधिकतर लोगो की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। पर जिला स्वास्थ विभाग के हिसाब से डेंगू NS 1 टेस्ट कन्फर्मेटरी नहीं है।

सितम्बर 1 से लेकर आज तक स्वास्थ विभाग के द्वारा रिम्स भेजे गए सैंपल में सिर्फ पांच लोगो का डेंगू रिपोर्ट MAC -ELISA टेस्ट में पॉजिटिव आया है। बाकि सभी निगेटिव है। साथ ही 2 मरीज चिकेनगुनिया के मिले है। सिविल सर्जन, बोकारो, एबी प्रसाद ने कहा, “हम मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। डेंगू के अलावा चिकनगुनिया के भी दो मामले सामने आए हैं। लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।

बोकारो स्टील टाउनशिप में रहने वाले लोगो के अनुसार इस बरसात के दिनों में बीएसएल प्रबंधन न फोगिंग कर रहा है। न ही नाले-नाली में छिड़काव हुआ है। अगर सही से छिड़काव और सड़को में फोगिंग किया जाता तो इस कदर लोग बुखार के चपेट में नहीं आतें। प्रबंधन मच्छर जनित बीमारियों के रोकथाम को लेकर बिलकुल भी संजीदा नहीं दिख रहा है। पिछले हफ्ते एक बीएसएल कर्मी की डेंगू से मौत भी हुई है। फिर भी बीएसएल प्रबंधन की आँख नहीं खुल रही है।

बीएसएल प्रबंधन के अनुसार दिन भर में एक बार फोगिंग किया जा रहा है। प्रबंधन फोगिंग के राउंड को बढ़ाने पर काम कर रहा है। चिन्हित इलाको में छिड़काव भी किया जा रहा है। लोगो से एहतियात बरतने कि एपीएल कि जा रही है।


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