Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

BGH में ‘carrot-and-stick’ फार्मूला ! दो तकनीशियन भेजे गए किरीबुरु-चिड़िया माइंस, 3 प्लांट, लिस्ट में नाम बाकी है


Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के माहौल को सुधारने के लिए एक तरफ जहां नए डॉक्टरों की बहाली की जा रही है, वहीं प्रबंधन ने ‘Carrot-and-Stick’ फार्मूला भी अपनाना शुरू कर दिया है। एक तरफ काम को काम नहीं समझने वाले और मरीजों से तीखा बर्ताव करने वाले कर्मियों को चिन्हित कर ट्रांसफर किया जा रहा है। दूसरी तरफ अच्छा प्रदर्शन कर रहे विभागों को शाबाशी देने में भी प्रबंधन पीछे नहीं हट रहा है। बीजीएच के डीएमएस के अलावा कई डिपार्टमेंट के एचओडी डायरेक्टर इंचार्ज के सीधे सम्पर्क में है।

बीएसएल (BSL) प्रबंधन बीजीएच और टाउनशिप के विभिन्न विभागों में वैसे कर्मियों को चिन्हित कर ट्रांसफर का रहा है जिसके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही है। नवंबर महीने में बीजीएच के पांच कर्मियों का ट्रांसफर किया गया है। अटेंडेंट पद पर कार्यरत तीन कर्मियों को 5 नवंबर को प्लांट के भीतर स्टोर्स में भेज दिया गया है। साथ ही दो तकनीशियनो को शनिवार को प्रबंधन ने बीएसएल से करीब 300 किलोमीटर दूर स्तिथ मेघाताबुरु (चिड़िया) और  किरीबुरु (पश्चिमी सिंहभूम) माइंस के डिस्पेंसरी में ट्रांसफर कर दिया है।

माइंस में हुए ट्रांसफरो के बाद बीजीएच के तकनीशियनो, अटेंडेंट, पारा-मेडिकल स्टाफ, फार्मासिस्ट और दूसरे कर्मियों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि लिस्ट में बीजीएच, प्लांट ओएचएस, जेएनबी पार्क सहित टाउनशिप के कुछ विभागों के कर्मियों के नाम और भी बचे हुए है। उनसे जुड़े शिकायतों को टटोला जा रहा है। हालांकि बीजीएच में काम करने वाले तकनीशियनो ने हुए इस ट्रांसफर का विरोध किया है, पर बीएसएल-बीजीएच के आला अधिकारी अपने निर्णय को लेकर शख्त है।

बीएसएल-बीजीएच के आला अधिकारीयो को डायरेक्टर इंचार्ज का कार्यप्रणाली में सुधार लाने को लेकर सख्त निर्देश मिला है। सूत्रों के अनुसार, सेल-बीएसएल (SAIL-BSL) के हाई कमांड का मानना है कि बीजीएच की गिरती चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की जरुरत है। डॉक्टर की कमी को दूर करने के साथ-साथ बीजीएच में हर लेवल पर काम करने वाले कर्मियों के व्यवहार, विचार और कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

बीएसएल (BSL) द्वारा निकाले गए ट्रांसफर आर्डर में कर्मियों के तबादले का कारण नहीं लिखा गया है। पर बताया जा रहा है कि जिनका भी ट्रांसफर हुआ है उनके खिलाफ किसी न किसी माध्यम से प्रबंधन को शिकायतें मिली थी। किये गए ट्रांसफर के बाद प्रबंधन की निगाह उन कर्मियों पर भी है जो विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे है। प्रबंधन ने अपना रुख साफ़ कर दिया है। निर्णय किसी भी हालत में नहीं बदलने वाला। बल्कि काम में किसी भी तरह की लापरवाही करने वाले को अब प्रबंधन बक्सेगा भी नहीं।

डायरेक्टर इंचार्ज ने बीजीएच प्रबंधन को मरीजों और उनके अटेंडेंट से मिल रही शिकायतों पर विशेष ध्यान देने और लापरवाह कर्मियों को चिन्हित करने का आदेश दिया है।

 

 


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