Bokaro: ‘बदलते समय के साथ शिक्षा के दायरे में काफी बदलाव आया है। आज केवल मेडिकल और इंजीनियरिंग ही नहीं, विभिन्न क्षेत्रों में उज्ज्वल भविष्य की असीम संभावनाएं हैं। अभिभावक बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार उनकी लक्ष्य-प्राप्ति में सहयोग करें, न कि अपनी इच्छाएं उन पर जबरन थोपें।’ ये बातें डीपीएस बोकारो (DPS Bokaro) के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने कहीं।
सोमवार को विद्यालय में 11वीं कक्षा के नव-नामांकित विद्यार्थियों के अभिभावकों को वह संबोधित कर रहे थे। दो सत्रों में आयोजित उन्मुखीकरण कार्यक्रम (ओरिएंटेशन प्रोग्राम) में विद्यार्थियों को पढ़ाई व जीवन में आगे बढ़ने के लिए जरूरी बातें बताई गईं। वहीं, उनके अभिभावकों को स्कूल के नियम-कायदे बताए गए तथा बच्चों के सही मार्गदर्शन में सहायक बनने संबंधी बातें बताई गईं।
प्राचार्य डॉ. गंगवार ने कहा कि 10वीं के बाद 11वीं का सिलेबस अचानक से कठिन हो जाता है और वास्तव में यहीं से बच्चों के सपनों और उनके ऐच्छिक करियर को नई उड़ान मिलती है। उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों पर कड़ी निगरानी रखने, शिक्षकों से नियमित संपर्क में रहने और पीरियोडिक टेस्ट में उनके प्रदर्शन की मॉनिटरिंग करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि बच्चे क्या कर रहे हैं, कैसा पढ़ रहे हैं, क्या अच्छा है, क्या बुरा है, इन सभी चीजों की जानकारी उन्हें देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनें, इसके लिए शिक्षकों और अभिभावकों को मिलकर उनके लक्ष्य का सहभागी बनना होगा। उन्होंने विद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता की कड़ी में 10वीं-12वीं बोर्ड, नीट, जेईई एडवांस्ड, यूपीएससी सहित विभिन्न परीक्षाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
साथ ही, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा बच्चों के समग्र विकास व उनके बहुआयामी कौशल में विद्यालय की कटिबद्धता व्यक्त की। प्राचार्य ने अभिभावकों से अपने बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने की विशेष अपील की।
शिक्षकों के साथ सहयोगात्मक संबंध आवश्यक : विकास
अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित झारखंड के प्रसिद्ध करियर काउंसलर विकास कुमार ने बोर्ड तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में संतुलन पर चर्चा करते हुए मेडिकल, इंजीनियरिंग की परीक्षाओं, उनसे संबंधित संस्थानों में सीट की उपलब्धता, नामांकन के लिए आवश्यक अहर्ताओं एवं रैंकिंग प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने विद्यालय की पढ़ाई को कभी भी हल्के में नहीं लेने पर बल दिया। कहा कि स्कूल में होनेवाली परीक्षाएं करियर निर्धारित करने वाली परीक्षाओं का आधार हैं। विकास ने अभिभावकों से अपने बच्चों को उनकी मामूली उपलब्धि पर इतराने का अवसर न देने, उन पर नियमित निगरानी रखने तथा शिक्षकों से सहयोगात्मक संबंध बनाए रखने पर जोर दिया। सोशल मीडिया के दुष्परिणामों पर चर्चा करते हुए उन्होंने इसे विद्यार्थियों के लिए कलियुग का राक्षस बताया।
विद्यार्थियों के लिए अलग से आयोजित उन्मुखीकरण सत्र में प्राचार्य डॉ. गंगवार ने पूरे मनोयोग से पढ़ाई करने का आह्वान किया। वहीं, विकास कुमार ने शिक्षकों का सदैव सम्मान करने, माता- पिता पर भरोसा रखने और पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने का संदेश दिया। कहा कि एक लक्ष्य तय कर पढ़ाई करें और विद्यालय को कभी भी अनदेखा नहीं करें।
कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 41 लाने वाले डीपीएस बोकारो के पूर्ववर्ती छात्र शुभम कुमार, बोकारो स्टील प्लांट में उप-प्रबंधक (वित्त) आकाश गुप्ता सहित जेईई एडवांस्ड और नीट में बेहतर रैंक लाने वाले विद्यार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में झारखंड, बिहार सहित विभिन्न प्रदेशों के कोने-कोने से सैकड़ों अभिभावक शामिल हुए।