Bokaro: ममता बनर्जी सरकार द्वारा दूसरे राज्यों में आलू की सप्लाई रोकने से झारखंड में आलू की कीमतें आसमान छूने लगीं। इस संकट से जहां पूरा झारखंड राज्य परेशान था, वहीं बोकारो प्रशासन ने हार मानने के बजाय इसे चुनौती के रूप में लिया।
अब दूसरों पर निर्भर नहीं
बोकारो की उपायुक्त विजया जाधव ने बंगाल के ब्लॉकेड का करारा जवाब देते हुए आलू उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया। प्रशासन की नई रणनीति से बोकारो जिला जल्द ही आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर अन्य राज्यों को आपूर्ति देने की स्थिति में होगा। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
महिला किसानों का साहस और प्रशासन का समर्थन
महिला स्वयं सहायता समूहों को इस क्रांति की कमान सौंपी गई है। हजारों महिला किसान खेतों में अपनी मेहनत से बंगाल की चुनौती का जवाब दे रही हैं। उपायुक्त की पहल पर न केवल तकनीकी सहायता दी जा रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक खेती की तकनीक भी सिखाई जा रही है।
बोकारो का संदेश: चुनौती को मौका बनाएं
यह पहल सिर्फ एक समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि झारखंड की आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है। बोकारो का यह संदेश स्पष्ट है – जो रोकने की कोशिश करेगा, हम उससे आगे निकलने का रास्ता खुद बनाएंगे। बोकारो जिला प्रशासन ने पलाश (जेएसएलपीएस) से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों को आलू उत्पादन के कार्य में सक्रिय रूप से शामिल किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 7,626 महिला किसानों ने 152.68 एकड़ भूमि पर 1,145.10 टन आलू का उत्पादन किया। उपायुक्त के नेतृत्व में, वर्ष 2024-25 में 27,410 महिला किसानों ने 1,646.5 एकड़ भूमि पर 6,120.35 टन आलू उत्पादन कर जिले की उत्पादन क्षमता को चार गुना बढ़ा दिया है।
तकनीकी और आर्थिक सहायता
उपायुक्त ने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) पेटरवार और जिला कृषि पदाधिकारी को महिला किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। धान कटाई के बाद आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) को प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही, किसानों को आधुनिक खेती तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
आलू उत्पादन बढ़ाने की रणनीति
- उन्नत किस्मों का चयन: किसानों को कुफरी ज्योति, कुफरी चंद्रमुखी जैसी किस्में अपनाने की सलाह दी गई है।
- मिट्टी की गुणवत्ता सुधार: संतुलित उर्वरकों और जैविक खाद का उपयोग करने पर जोर दिया गया है।
- सिंचाई और जल प्रबंधन: ड्रिप सिंचाई और फव्वारा सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- फसल चक्र और मिश्रित खेती: मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए दलहनी फसलों के साथ आलू उगाने की सलाह दी गई है।
- कीट और रोग प्रबंधन: जैविक उपचार और बीजों के फफूंदनाशक से उपचारित करने पर ध्यान दिया गया है।
किसानों के लिए जागरूकता अभियान
कृषि विज्ञान केंद्र और जिला कृषि विभाग नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। सामूहिक खेती को प्रोत्साहन और किसान संगठनों से जुड़कर नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
विपणन और भंडारण पर ध्यान
आलू की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उचित भंडारण की व्यवस्था की गई है। आलू से बने उत्पादों जैसे चिप्स और फ्रेंच फ्राइज के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित कर किसानों को अधिक लाभ दिलाने की योजना है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x