Bokaro: राज्य के गवई बराज सिंचाई परियोजना का काम लगभग ख़त्म हुआ। रविवार को गवई बराज नहर में औपचारिक रूप से किसानों के लिए पानी छोड़ा गया। शनिवार रात हुई बारोश के कारण बैराज में लगभग 2.5 मिटेर जल संग्रहण हो गया था। जिसको देखते ट्रायल में पानी छोड़ा गया।
नहर में पानी देख किसान काफी खुश है। किसानों का कहना है कि पांच दशक बाद यह सपना पूरा होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 131 करोड़ रुपये की लागत से बननेवाली यह परियोजना लगभग तीन साल की देरी से लगभग डेढ़ अरब की लागत से पूर्ण हो रही है।
1970 की दशक में इस परियोजना की शुरुआत हुई थी, जो जिले की एक मात्र सिंचाई परियोजना है। इस बराज की दो मुख्य नहर है एवं नौ वितरणिका है। जिसमें बाएं मुख्य नहर की लंबाई 44 किमी एवं दाएं की लंबाई 10 किमी है।
तेनुघाट बांध प्रमंडल के कनीय अभियंता विकास कुमार ने बताया कि 4636 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए इसे तैयार किया गया है। जिससे चास- चंदनकियारी प्रखंड के 12 पंचायत के 54 गांवों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना में लगभग 80 हजार किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
इन गांव को होगा लाभ इससे चास प्रखंड के आमाडीह, ओबरा, पिंड्राजोरा, केलियाडाबर, टुपरा, अलगडीह, विश्वनाथडीह, तुरीडीह, पुंडरू, सीमाबाद सहित कई गांवों के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। जबकि चंदनकियारी प्रखंड के चंद्रा, चमड़ाबाद, सुतरीबेड़ा, चंदनकियारी, गलगलटांड़, रांगामटिया होते हुए सिमुलिया तक के किसानों का लाभ होगा। इससे चास और चंदनकियारी के करीब 54 गांवों के लोगों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।