Bokaro: पूरे जिले में शुक्रवार को कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ,जो आगामी 30 अगस्त तक जारी रहेगा। इसी क्रम में शनिवार को जिले के सभी प्रखंडों में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और सहिया आदि ने घर-घर जाकर कृमि नाशक दवा बच्चों को खिलाई। मौके पर आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिकाओं ने कृमि मुक्ति कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये बताया कि 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को पेट कीड़े की दवा जरूर खानी चाहिए।
अधिकांश बच्चों में पेट से संबंधित अधिक बीमारियों का खतरा होता है। जिस वजह से बच्चों में खून की कमी, कुपोषण, मितली, उल्टी व दस्त होना तथा वजन में कमी होना जैसे दुष्प्रभाव होते है क्योंकि ज्यादातर बच्चे बाहर खेलते समय कब किस चीज को हाथ लगाते हैं। उनको पता ही नहीं होता है। उन्हीं गंदे हाथों से घर की सारी चीजों को छूना, बिना हाथ पैर धोकर कुछ भी खा लेना, बिना ढका हुआ पानी पीना इन्हीं सब लापरवाही की वजह से बच्चों के पेट में बीमारियों होती हैं। जो कभी-कभी घातक भी साबित हो सकता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है। जिससे बच्चों में होने पर इन सब समस्याओं से बचाया जा सके। वहीं, सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कुमार ने सभी लोगों से अपील किया कि वह एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर कार्यक्रम को सफल बनाए।