Bokaro: बालीडीह पुलिस की ऑफिसर इंचार्ज नूतन मोदी पर एक शिक्षक को रात में थाने में बंद कर बुरी तरह पिटाई करने का आरोप लगा है। बोकारो के पुलिस अधीक्षक (एसपी) चंदन कुमार झा ने रविवार को इस मामले में कार्यवाही करते हुए जाँच बैठा दी है। पेशे से शिक्षक 47 वर्षीय अमानत हुसैन ने यह आरोप लगाया है कि बालीडीह पुलिस ने उनको चोरी के एक मामले में थाने बुलाकर थर्ड डिग्री टार्चर किया। उनके पैर के नाख़ून निकाल दिए।
यह मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। मामले में सांसद धनबाद पीएन सिंह ने भी उच्च पुलिस अधिकारियों को जांच कर उचित कार्रवाही करने को कहा है। वही रविवार शाम को स्थानीय लोगो ने सिवाडीह में कैंडल लाइट जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। बालीडीह के थाना प्रभारी नूतन मोदी का पुतला जलाया और नारेबाजी की। सोशल मीडिया में भी पीड़ित का ब्यान घूमता रहा और मुख्यमंत्री तक ट्वीट हुआ।
एसपी ने कहा कि “मैंने उक्त मामले में जांच के आदेश दें दिए हैं। डीएसपी, मुख्यालय को जाँच का जिम्मा दिया गया है। सोमवार तक जांच रिपोर्ट आ जाएगी उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि प्रभारी या अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
मुकदुमपुर निवासी हुसैन ने आरोप लगाया है कि पिछले गुरुवार को रात में उन्हें बालीडीह थाने में बुलाकर ऑफिसर इंचार्ज नूतन मोदी व अन्य पुलिसकर्मियों ने रस्सियों से बांधकर उनकी बेरहमी से पिटाई की और उनके पैरों के नाख़ून निकाल दिए। 15 दिसंबर को उन्हें पड़ोसी के घर में हुए चोरी से जुड़े एक मामले में बुलाए गया था। वह अपने पत्नी के साथ थाने गए थे। हुसैन ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनकी पत्नी साबरा बेगम को भी पीटा। दंपत्ति लॉकअप में पिटाई के कारण चल-फिर नहीं पा रहे हैं।
हुसैन ने कहा कि शिक्षक होने के नाते उन्हें अपने गांव मकदूमपुर में काफी सम्मान मिलता है। उनके खिलाफ चोरी का शक निराधार है। पुरे गांव में हर कोई उनके अच्छे चरित्र की गवाही देगा। चोरी की आशंका के पीछे कारण यह है कि – जिस घर में वह रात को मकान मालिक के कहने पर सोते थे, उस घर में चोरी हो गई थी। चोरी के घटना के दिन वह उसके घर में सोने नहीं जा सके क्योंकि वह बीमार पड़ गए था।
थाने से रिहा होने के बाद हुसैन अपनी पत्नी और बेटी के साथ एसपी बोकारो के पास गए और न्याय की मांग करते हुए शिकायत पत्र दिया। नूतन मोदी ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।