Bokaro: साइबर अपराध के मामलो में अब देश के टॉप 10 ज़िलों की सूचि में झारखण्ड का बोकारो भी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के एक स्टार्टअप के शोध में यह जानकारी सामने आयी है। शोध में बताया है कि देश के 10 जिले ऐसे हैं जहां से 80 प्रतिशत साइबर अपराधों को अंजाम दिया जाता है। उनमे झारखण्ड के देवघर, जामताड़ा, गिरिडीह और अब बोकारो भी शामिल हो गया है।
शोध के अनुसार देश भर में हो रहे साइबर अपराध का जब अध्ययन किया गया तो बोकारो को आठवे पायदान में पाया गया। हालांकि बोकारो पुलिस इस बात को नहीं मान रही है। जिला पुलिस का कहना है कि यह अध्ययन किस आधार पर किया गया है उससे वह अनिभिज्ञ है। फिलहाल ज़िले में 80 साइबर अपराध के ही केसेस है।
बताया जा रहा है कि बोकारो में 2020 में आईटी एक्ट में 40 मामले दर्ज़ हुए, 2021 में 20, 2022 में 20 और 2023 के अगस्त तक 14 मामले थाने पहुंचे। समय-समय पर बोकारो पुलिस और बैंकवाले लोगो को सचेत करते रहते है। लोगो से अपील करते रहते है, कि वह अपना बैंक अकाउंट नंबर या ATM कार्ड से जुड़ी जानकारी किसी से साझा नहीं करें।
शोध: 10 जिले से देश में 80 प्रतिशत साइबर अपराध होते हैं
शोध के अनुसार झारखण्ड में बोकारो साइबर अपराध के मामले में तीसरे नंबर पर है। देश में साइबर अपराध के केंद्र के रूप में कुख्यात झारखंड के जामताड़ा एवं हरियाणा के नूंह का स्थान अब राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले ने ले लिया है। यह दावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Kanpur) कानपुर में शुरू स्टार्टअप ने अपने अध्ययन में किया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर में स्थापित एक गैर-लाभकारी स्टार्ट-अप, फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) ने अपने नवीन तम व्यापक श्वेत पत्र ‘ए डीप डाइव इनटू साइबर क्राइम ट्रेंड्स इम्पैक्टिंग’ में इन निष्कर्षों का उल्लेख किया है।
यह है आकड़ा
एफसीआरएफ ने दावा किया कि भरतपुर (18 प्रतिशत), मथुरा (12 प्रतिशत), नूंह (11 प्रतिशत), देवघर (10 प्रतिशत), जामताड़ा (9.6 प्रतिशत), गुरुग्राम (8.1 प्रतिशत), अलवर (5.1 प्रतिशत), बोकारो (2.4 प्रतिशत), कर्मा टांड (2.4 प्रतिशत) और गिरिडीह (2.3 प्रतिशत) भारत में साइबर अपराध के मामलों में शीर्ष पर हैं जहां से सामूहिक रूप से 80 प्रतिशत साइबर अपराधों को अंजाम दिया जाता है।
एफसीआरएफ के यह दवा करते हुए कहा है कि – ‘‘हमारा विश्लेषण भारत के 10 जिलों पर केंद्रित था जहां से सबसे अधिक साइबर अपराध को अंजाम दिया जाता है। इन जिलों में साइबर अपराध के प्रमुख कारकों को समझना प्रभावी रोकथाम और खत्म करने की रणनीति तैयार करने के लिए आवश्यक है।’’