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भारतीय स्वाधीनता संग्राम के पहले शहीद थे बाबा तिलका मांझी: शम्भु कुमार


Bokaro: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले सेनानी बाबा तिलका मांझी की जयंती के अवसर पर आज सेल एससी – एसटी इम्प्लाईज फेडरेशन, बोकारो यूनिट के अध्यक्ष शम्भु कुमार के नेतृत्व में सेक्टर – 4 स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर उनकी याद में कार्यक्रम आयोजित किया। बाबा तिलका मांझी के माल्यार्पण के उपरांत फेडरेशन के उपस्थित पदाधिकारियों ने उनके जीवन के संघर्ष पर प्रकाश डाला ।

शम्भु कुमार ने कहा कि बाबा तिलका मांझी भारतीय स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई के पहले शहीद थें। किशोरावस्था में उन्होने परिवार तथा जाति पर अंग्रेज़ी सत्ता का अत्याचार होते देखा और अंग्रेज़ो का अत्याचार बढ़ते देख उन्होंने ‘बनैचारी जोर’ नाम की जगह उनके खिलाफ विद्रोह शुरू किया। उन्होंने अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ लंबी लड़ाई छेड़ी और संथालों के प्रसिद्ध ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किया। जब उन्होंने एक जगह अंग्रेज़ी सेना पर छापामार हमला बोला तो उन्हें घेर लिया गया और वो पकड़े गए। सन 1785 में पेड़ पर रस्से से बांधकर तिलका मांझी को फांसी दे दी गई। वो पहले शख्स थे जिन्होंने भारत को ग़ुलामी से मुक्त कराने के लिए अंग्रेज़ों के खिलाफ आवाज़ उठाई।

इस अवसर पर मुख्य रूप से अमन बस्की, मानिकराम मुंडा, महेंद्र राम, पंकज कुमार दास, सुरेन्द्र प्रसाद मुर्मू, करतार सामंत, आनंद कुमार रजक, हुबलाल मुर्मू, शिव बहादूर राम, दिलीप कुमार, बबलू टुडू, मुकेश कुमार, राजकुमार भारती, सुरेंद्र राम, सिद्धार्थ सुमन, संजय कुमार, पुरूषोत्तम मांझी, प्रभाकर कुमार, अभीषेक बास्की, टार्ज़न मांझी, राजाराम मुंडा, भरत कुमार सिंह, अजित कुमार, जितेंद्र दास, संदीप कुमार, रवीद्र मारंडी आदि मौजूद रहे।


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