Bokaro: ज़िले में बाबू वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव बहुत ही शान और उत्साह के साथ मनाया गया। शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई और सेक्टर 4 गांधी चौक पर बाबू वीर कुंवर सिंह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। Video नीचे –
अंग्रेज़ो के छक्के छुड़ाने वाले बाबू वीर कुंवर सिंह के जयंती को विजयोत्सव के रूप में याद किया जाता है। इस अवसर पर विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्य कार्यक्रम गांधी चौक पर आयोजित किया गया। जहां सांसद धनबाद पशुपति नाथ सिंह, कुमार जयमंगल सिंह, संग्राम सिंह, सुरेश सिंह, सिद्धार्थ सिंह, राजेश्वर सिंह आदि लोग उपस्तिथ हुए।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित सांसद धनबाद पशुपति नाथ सिंह ने अवसर पर कहा की देश की स्वतंत्रता आंदोलन में लाखों लोगों ने कुर्बानी दी। उस समय 80 वर्ष की उम्र में बाबू साहब ने अंग्रेजों को चुनौती दी। आज हम जैसे लोग सुरक्षित हैं तो बाबू कुंवर सिंह जैसे लोगों के कारण ही हैं।
बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा की बाबू कुंवर सिंह को आने वाली पीढ़ियां जाने इसके लिए उनके जीवनी को नई पीढ़ी जाने इसके लिए पाठयक्रमों के साथ साथ लोक गीतों से भी लोग जानते हैं। इस अवसर पर धनबाद विधायक राज सिन्हा ने भी संबोधित किया। Video:
वक्ताओं ने कहा कि वीर कुंवर सिंह की गाथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ही नहीं, विश्व इतिहास में पहली घटना है। जब 80 वर्ष के युवा ने अपने तलवार से अंग्रेजों को रौंद कर आजादी के संग्राम का शंखनाद कर दिया। 23 अप्रैल 1777 को बिहार (Bihar) के जगदीशपुर में एक जमींदार परिवार में पैदा हुए वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों का छक्का छुड़ाने के लिए क्रांतिकारी संगठनों को मजबूत किया। अपने गढ़ में हथियार और गोला बारूद बनाने का कारखाना खोल दिया। इस अजेय योद्धा ने 26 जुलाई 1857 को जो शंखनाद किया, वह युगों-युगों तक याद किया जाता रहेगा।
आने वाली पीढ़ियों ने बाबू कुंवर सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, मेदनी राय, मंगल पांडे जैसे लोगों से प्रेरित होकर अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन करने का प्रेरणा लेकर देश की आजादी मिली। अगर हम बाबू कुंवर सिंह जैसे लोगों को भूलेंगे तो, आने वाली पीढ़ियां साहस और बलिदान जैसे शब्दों को भी भूल जायेगी। बाबू कुंवर सिंह कल भी हमारे लिए प्रेरणा थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे।
इसके अलावा बोकारो इस्पात संयंत्र के पूर्व अधिशासी निदेशक यू पी सिंह, शत्रुघ्न सिंह, बुधनारायण यादव, धनश्याम यादव ने भी संबोधित किया। समिति के द्वारा राजनीतिक ,सामाजिक खेल ,पत्रकारिता ,साहित्य ,शिक्षा ,उद्योग के क्षेत्र अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय समरेश सिंह, स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह, डॉक्टर जयदीप सरकार, डॉक्टर बाके बिहारी सिंह, धर्मशिला त्रिवेदी, पल्लवी प्रसाद, सागर कुमार दीपक कुमार सिंह को सम्मानित किया गया।