Bokaro: विवाह के लिए मंच सज चुका था, रिश्तेदार आ गए थे, लेकिन संगीत की जगह ख़ामोशी थी। लड़के वालों को दुल्हन के घर आने से रोक दिया गया था और पुलिस वाले विवाह स्थल पर नोटिस लिए तैनात थे।
यह दृश्य किसी फिल्मी क्लाइमेक्स सीन से कम नहीं था, जहां दुल्हन की शादी रोक दी गई हो। पूरे गांव में गहरा सन्नाटा पसरा हुआ हो, पड़ोसियों के बीच कानाफूसी हो रही हो और दुल्हन हाथ में मेहंदी लगाए घर के किसी कमरे में शांत बैठी हो। घर आये रिस्तेदार, माता-पिता को सँभालने की जद्दोजहद कर रहे हो। यह घटना बुधवार को बोकारो के पिंड्राजोड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव की है। जहां दुल्हन के नाबालिग होने के चलते पुलिस-प्रसाशन ने शादी रोकवा दी है। वहां के थाना प्रभारी अंकित पांडे के अनुसार, ” यह कार्रवाई सीडब्ल्यूसी (CWC) के सूचना के बाद हुई है। शादी पर रोक लगाते हुए विवाह स्थल पर पुलिसकर्मियों को एहतियात के लिए रखा गया है।”
मंगलवार को पुलिस टीम ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा जारी एक नोटिस को दुल्हन के घर पहुंचकर उसके माता-पिता सौंपा। उन्हें सूचित किया कि उन्हें दुल्हन की शादी रोकनी होगी। क्युकी उसकी उम्र 18 साल से कम है वह नाबालिग है। कानून के अनुसार बाल विवाह अपराध है।
इसके तुरंत बाद, पिता और मां अपनी बेटी के साथ एसडीओ, चास और डीसी, बोकारो के पास राहत के लिए गए, लेकिन देर शाम होने के कारण वह उनसे मिलने में असफल रहे।
सीडब्ल्यूसी, बोकारो के अध्यक्ष शंकर रवानी ने कहा, “दुल्हन के परिवार को नोटिस दिया गया था। इसके बावजूद उसकी उम्र साबित करने के लिए जन्मतिथि से संबंधित प्रमाण पत्र जमा करने उसके माता-पिता नहीं आए।” रवानी ने कहा कि, ‘चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 से हमें यह जानकारी मिली, जिसमें किसी ने दुल्हन के नाबालिग होने कि शिकायत की थी । इसके बाद हम कार्रवाई में जुट गए।
दुल्हन के पिता ने कहा, “जैसे ही उन्हें नोटिस मिला, हम पिंड्राजोरा पुलिस स्टेशन गए। पुलिस ने जांच पूरी होने तक शादी नहीं करने की बात कही। क्योंकि घर में सभी मेहमान आ चुके हैं और सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, प्रशासन की ओर से शादी रोकने का ऐसा आदेश चौंकाने वाला है। मेरी बेटी की उम्र करीब 21 साल है वह देखने में बिलकुल बच्ची नहीं लगती। अधिकारी देख कर भी पता लगा सकते है’।”
लड़की के पिता ने यह भी कहा कि “मैं किसी तरह कर्ज आदि लेकर अपनी बेटी की शादी करवा रहा हूं। पता नहीं काहे किसी अनजान व्यक्ति के बहकावे में आकर शादी रोकवा दी गई है।”
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ऐसी शिकायतें अक्सर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा की जाती हैं। पिंड्राजोरा मामले में 28 फरवरी को शिकायत मिली है और पत्राचार कर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
चास प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, जो कि सीडब्ल्यूसी के क्षेत्रीय बाल संरक्षण अधिकारी भी हैं, मिथलेश कुमार चौधरी ने कहा, “अगर सबूत दिया जाए कि बेटी बालिग है तो उसकी शादी करने में कोई आपत्ति नहीं होगी। सीडब्ल्यूसी ने परिजनों को नोटिस भेजा था। नाबालिग की शादी हुई तो एफआईआर दर्ज कर दिया जायेगा।