Bokaro: भारती साहित्य परिषद, बोकारो द्वारा सेक्टर 5 स्थित विहंगम योग संस्थान में शनिवार की शाम तुलसी जयंती मनाई गयी। इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि राजेश गुप्ता, संरक्षक सुखनंदन सिंह ‘सदय’, अध्यक्ष शिव कुमार सिंह, महामंत्री डॉ नर नारायण तिवारी व उपस्थित कवियों द्वारा गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन से हुई।
मुख्य अतिथि गुप्ता ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी है। साहित्यकार सुखनंदन सिंह ‘सदय’ ने कहा कि तुलसी दास जी ने अपनी रचनाओं में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की खूबियों को दर्शाते हुए समाज में समरसता का संदेश दिया है। साहित्यकार डॉ नरनारायण तिवारी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने मानस में सामाजिक समस्याओं व उसके निदान के साथ ही प्रकृति का भी अद्भुत चित्रण किया है।
शिव कुमार सिंह ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों में जो भक्ति की भावना प्रवाहित की वो अनंतकाल तक कायम रहेगी। कवयित्री गीता कुमारी गुस्ताख ने कहा कि मुगल शासनकाल के दौरान जब हिंदू संस्कृति खतरे में थी तो गोस्वामी तुलसी दास ने रामचरित मानस की रचना कर लोगों में भारतीय संस्कृति के प्रति अनुराग जगाया।
शिव कुमार सिंह की अध्यक्षता व डॉ परमेश्वर भारती के संचालन में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवि अरुण पाठक ने गोस्वामी तुलसी दास की रचना गणेश वंदना ‘गाइए गणपति जगवंदन…’ की सुमधुर प्रस्तुति के बाद अपनी मैथिली रचना सद्भावना गीत-‘जाति धर्म के नाम पर नहि बांटू इंसान के….’ सुनाकर सबकी प्रशंसा पाई। ज्योति वर्मा ने जीवन के यथार्थ को दर्शाती अपनी रचना ‘तीन पहर तो बीत गई है एक पहर ही बाकी है…’, करुणा कलिका ने दोहे-‘तुलसी बाबा ने दिया, हम सब को उपहार/हाथ जोड़ के कर रहें, ज्ञापित हम आभार…’, गीता कुमारी गुस्ताख ने देशभक्ति रचना ‘ओ देश मेरे तुझे लाखों सलाम, तुझसे मेरी हस्ती, तुझसे मेरी शाम…’ सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। डॉ आशा पुष्प, ब्रह्मानंद गोस्वामी, डॉ रंजना श्रीवास्तव, डॉ राम नारायण सिंह, ललन तिवारी, वेंकटेश शर्मा, सुख नंदन सिंह, डॉ नर नारायण तिवारी आदि ने भी अपनी रचनाएं सुनाईं।