Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

बड़ी खबर: BSL प्लांट में स्तिथ INOX ऑक्सीजन संयंत्र के जीएम को शो कॉज, श्रमिकों के कान जाँच का आदेश


Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के अंदर स्तिथ ऑक्सीजन बनाने वाली INOX Air Products (INOXAP) कंपनी के जनरल मैनेजर वर्क्स, डी के घोष, को कारखाना निरीक्षक ने शो कॉज किया है।

निरिक्षण के दौरान बोकारो अंचल के कारखाना निरीक्षक धीरेंद्र सिंह मुंडा ने INOX प्लांट में कई खामियां पाई है। जिसमे सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदुषण है। बता दें उक्त निरीक्षण के बाद कारखाना निरीक्षक ने INOX प्रबंधन को तुरंत श्रमिकों का ऑडियोमेट्री टेस्ट (कान) करा कर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

ऐसा पहली बार हुआ है कि कारखाना निरीक्षक को किसी प्लांट में मशीनों के अत्यधिक आवाज़ से श्रमिकों के कान पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका हुई है। बताया जा रहा है कि निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री इंस्पेक्टर ने INOX संयंत्र के कंप्रेसर हाउस क्षेत्र में मशीनों का काफी शोर होता पाया है।

शोर इतना था की कारखाना निरीक्षिक भी वहां रुक नहीं पाए-
जब कारखाना निरीक्षक वहां पहुंचे तो उनको खुद को उतने अधिक शोर में खड़े रहने में परेशानी होने लगी। उनको वहां श्रमिकों को उतने शोर में काम करते देख अजरज हुआ। जिसके बाद उस शोर में काम करने वाले सभी श्रमिकों के ऑडियोमेट्री टेस्ट कराने का आदेश दिया है।

कारखाना निरीक्षक ने पूछने पर बताया कि जितने श्रमिक उस आवाज़ के एक्सपोज़र में काम कर रहे है उनके कान के सुनने कि छमता सही है की नहीं इसका पता लगाने के उन्होंने INOX प्रबंधन को उनका ऑडियोमेट्री टेस्ट करा कर रिपोर्ट जमा करने को कहा है। INOX प्लांट के उस यूनिट में रहा ध्वनि प्रदूषण वहां के श्रमिकों के स्वास्थ के लिए चिंता का विषय है। जिसको हलके में नहीं लिया जा सकता।

स्वास्थ केंद्र है पर न मेडिकल इक्विपमेंट है न स्टाफ-
इसके अलावा फैक्ट्री इंस्पेक्टर की टीम ने यह भी पाया कि INOX संयंत्र में अगर काम के दौरान कोई श्रमिक घायल हो जाये तो उसके तुरंत इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है।

INOX प्लांट ने इलाज के लिए एक व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्र (OHC) स्थापित किया है, लेकिन उसमे कोई उपकरण और पैरा-मेडिकल स्टाफ नहीं है। धीरेन्द्र सिंह मुंडा ने बताया कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि INOX के OHC के पास कोई उपकरण या पैरा-मेडिकल स्टाफ नहीं है। अगर ओएचसी में कोई कर्मचारी घायल हो जाता है तो वे इलाज कैसे कराएंगे, यह चिंता का विषय है।

कंपनी ने एक्सपेंशन प्लान का नहीं लिया परमिशन-
मुंडा ने यह भी पाया कि INOX अपने संयंत्र के विस्तार (Expansion) पर काम करना शुरू कर दिया है, पर नियमतः झारखंड के चीफ कारखाना निरीक्षक से स्थापित कि जा रही इकाई के प्लान को लेकर अनुमति नहीं ली है। उन्होंने वहां के अधिकारियों को इससे सम्बंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

INOX भारत में ग्रीनफील्ड ऑक्सीजन प्लांट में अब तक का सबसे बड़ा निवेश-
INOXAP, एक ऑक्सीजन प्लांट है, जो बोकारो स्टील प्लांट क्षेत्र के अंदर स्थित है। बीएसएल के माध्यम से पूरे देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए कोरोना काल में INOX का प्रयास सराहनीये रहा है। INOX वर्तमान में, भारत में औद्योगिक और चिकित्सा गैसों का सबसे बड़ा निर्माता है। INOX झारखंड के बोकारो संयंत्र में अपनी दूसरी क्रायोजेनिक एयर सेपरेशन यूनिट (ASU) बनाने के लिए तैयारी कर रहा है।

यह परियोजना 750 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ आ रही है। यह भारत में ग्रीनफील्ड ऑक्सीजन प्लांट में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। INOX का अत्याधुनिक एएसयू 2150 टन प्रति दिन (टीपीडी) औद्योगिक गैसों का उत्पादन करेगा, जिसमें 2000 टीपीडी गैसीय ऑक्सीजन, 150 टीपीडी तरल ऑक्सीजन, 1200 टीपीडी गैसीय नाइट्रोजन और 100 टीपीडी आर्गन शामिल हैं। एक बार ASU के शुरू हो जाने के बाद, सेल के बोकारो संयंत्र में INOXAP की संयुक्त उत्पादन क्षमता सभी गैसों के लिए 6300 TPD से अधिक होगी।

ऑडियोमेट्री टैस्ट –

व्यक्ति की सुनने की क्षमता को जानने के लिए किया जाने वाला हियरिंग टैस्ट है। इससे आवाज की तीव्रता का पता लगाते हैं। मेडिकली इसे प्योर टोन ऑडियोमेट्री कहते हैं।

कब जरूरत
पांच साल से अधिक उम्र का बच्चा और व्यक्ति फुसफुसाने व बोले गए शब्दों को न सुन पाए तो यह टैस्ट करते हैं। आवाज की गहराई को डेसिबल में मापते हैं। स्वस्थ व्यक्ति की सुनने की क्षमता 25 डेसिबल होती है। इससे ऊपर यानी 25-40 (माइल्ड हियरिंग लॉस), 55-70 (थोड़ा गंभीर), 70-90 (गंभीर) व 90 से ऊपर बहरापन दर्शाता है।

ऐसे होता टैस्ट
ऑडियोमीटर मशीन से जुड़े एक हैडफोन को मरीज के कानों पर लगाते हैं। मशीन चलाने वाला कानों तक विभिन्न फ्रीक्वेंसी में कई तरह की आवाज को पहुंचाता है। हल्की तीव्रता वाली आवाज पर भी वह हाथों के इशारे से प्रतिक्रिया दे तो वह ठीक है। वर्ना परेशानी की पहचान कर इलाज तय करते हैं।

What is noise level?

Any unwanted sound that causes annoyance, irritation and pain to the human ear is termed noise. It is measured in A-weighted decibels (dB (A)) that indicate the loudness of the sound.

Noise level refers to the decibel levels of noise produced by any appliance or machine. In general, the human ear can tolerate noise levels up to 85 dB. Anything beyond that can affect their productivity and quality of life.

The decibel levels of common sounds above 80 dB are considered ‘loud’, while the decibel levels of common sounds between 100-125 dB are termed ‘uncomfortable’.

All machines operating in an area should produce noise within an acceptable level to maintain the well-being of people around.

Permissible noise level in India

The CPCB has laid down the permissible noise levels in India for different areas. Noise pollution rules have defined the acceptable level of noise in different zones for both daytime and night time.

In industrial areas, the permissible limit is 75 dB for daytime and 70 dB at night.

In commercial areas, it is 65 dB and 55 dB, while in residential areas it is 55 dB and 45 dB during daytime and night respectively.


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