Bokaro: विस्थापित अस्तित्व को लेकर आयोजित विस्थापित समागम रविवार को स्व0 अकलू राम महतो एवं स्व0 इमामुल हई खान की स्मृति में टिकैत मन मोहन सिंह खेलाचंडी मैदान सेक्टर 4 में सम्पन्न हुआ। बोकारो विस्थापित मंच के बैनर तले समागम में कोइ फ़ोटो या बैनर नहीं दिखा, न ही सभास्थल पर गेट बना था। सिर्फ विस्थापितो की भीड़ दिखी। जिसमे महिलाओं की अच्छी भागीदारी थी।
संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सह मुख्य संरक्षक उमाकान्त रजक ने कहा कि विस्थापित अधिकार, सम्मान एवं मांग से समझौता नहीँ करेंगे। प्रबंधन को बाध्य कर देंगे। उन्होंने कहा कि SAIL-BSL प्रबंधन को मांगे मानने के लिए बहुत समय दिया गया। लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब प्रबंधन को जगाने के लिए थोड़ा बल विस्थापित लगाएंगे।
उन्होंने कहा कि बोकारो विस्थापित मंच 20 गांवों में पंचायत चुनाव, जमीन वापसी, चतुर्थ वर्ग में आरक्षण, अप्रेंटिस की सीधी नौकरी के साथ अन्य मांगो को लेकर सीएम और राज्यपाल से दुर्गा पूजा तक मिलेगा। उसके बाद 20 अक्टूबर को उपायुक्त कार्यालय पर धरना एवं 27 अक्टूबर को प्लांट के अंदर ED बिल्डिंग पर प्रदर्शन किया जायेगा।
मुख्य संयोजक सह पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा कि मंच के माध्यम से प्रबंधन को मांग के साथ-साथ समय भी दिया गया। लेकिन विस्थापितों के आग्रह को प्रबंधन ने उनकी कमजोरी समझ लिया है। इसका खामियाजा SAIL-BSL प्रबंधन को भुगतना पड़ेगा। विस्थापित समझ चुके हैं। प्रबंधन हमेशा विस्थापित के संघर्ष को प्रशासन की ओर मोड़ देता है। और स्वयं आंदोलन को बचा लेता है।
बाटुल ने कहा कि इस बार विस्थापित मंच, SAIL-BSL प्रबन्धन को ऐसा चक्रव्यूह में घेरेगा की उसको कोई बचाने वाला नही मिलेगा। विस्थापितो को सम्मान के साथ अधिकार देना होगा। जमीन देकर विस्थापित अब दर-दर की ठोकर नही खाएंगे। एशिया का बड़ा कारखना यहां बनाया है। इससे हो रहे लाभ का एहसास विस्थापितों को होना चाहिए। यह सुनिश्चित जब तक बीएसएल नही करेगा, तब तक विस्थापित चुप बैठने वाले नही है।
उन्होंने कहा कि विस्थापित को अधिकार से वंचित रखने के लिए प्रबन्धन ने जनप्रतिनिधि के माध्यम से जमीन लूट का रास्ता बनाया है। हॉस्पिटल बीजीएच में बनना चाहीये। लेकिन सेक्टर-12 में बन रहा है। यह जमीन लूट की साजिश है। नरकेरा में स्टेडियम बनाकर जमीन का व्यवसाय बढ़ाने की योजना है। जिसे विस्थापित जान रहे हैं। प्रबंधन-जनप्रतिनिधि का गठजोड़ का पर्दा फ़ाश हो चुका है।
मंच के मुख्य सलाहकार साधु शरण गोप ने कहा हमारी मांग भूमि अधिग्रहण कानून लागू करो, चतुर्थ श्रेणी के पद का आरक्षण, अप्रेंटिस की सीधी बहाली, विस्थापित कर्मचारी सेल का गठन है। इससे विस्थापितों को वंचित रखना संविधान का मजाक उड़ाना है। इसका अपराधी SAIL-BSL प्रबधन है। सभा के अध्यक्षता कर रहे संयोजक हाकिम प्रसाद महतो ने कहा कि अब विस्थापित नेतृव विहीन नही रहेंगे। नेतृत्व विहीन से प्रबंधन बच के निकल जाता था। अब प्रबन्धन के लिए बच निकलना मुश्किल होगा।
मौके पर चास प्रमुख सरिता देवी, मुख्य सलाहकार साधु शरण गोप, का0 गुलाब चंद्र , हाजी हसनुल्ला अंसारी, बायसी सदर मन्नान अंसारी, हसनुल्लाह अंसारी , सहदेव साव , रघुनाथ महतो, मुखिया मंतोष सोरेन, मुखिया मुख्तार अंसारी, डोमन राम महतो, अरुण महतो, धीरेन्द्र नाथ गोस्वामी, अयूब अंसारी, अजय कुमार कुशवाहा, टीना देवी, मिस्वाउद्दीन अंसारी, सचिन महतो, इरफान अंसारी, अयाज अंसारी, जियाउल हक़, मीना देवी, लखन सोरेन, रंजीत महतो, सुनील महतो, बधन शर्मा, गुप्ता रजवार, सुधीर हरि, शंकर लाल गोप, अजय महतो, भगवान साहू, हक़ बाबू, चंद्रकांत महतो, महानंद गुप्ता, चौहान महतो, सरोज महतो, भैरव महतो, प्रताप सिंह, धर्मेंद्र महतो, अलाउद्दीन अंसारी ने भी सम्बोधित किया।।