Bokaro: झारखंड के बोकारो विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट के लिए दो दर्जन से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से तीन प्रमुख चेहरे लोगों के बीच अपनी मजबूती दिखा रहे हैं: पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पिछली बार की प्रत्याशी स्वेता सिंह और प्रदेश महासचिव एवं बेरमो विधायक के भाई कुमार गौरव। जहां कई नेता अपने-अपने प्रयासों से कांग्रेस टिकट के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं इन तीन नेताओं की स्थिति अन्य से अलग है। टिकट की इस दौड़ में शह और मात का खेल जारी है।
कांग्रेस टिकट की दौड़ में कौन मारेगा बाजी?
राजेश ठाकुर की राष्ट्रीय पकड़, कुमार गौरव की नई नियुक्ति और स्वेता सिंह की जमीनी सक्रियता ने इस राजनीतिक दौड़ को और रोचक बना दिया है। ऐसे में देखना होगा कि पार्टी किसे अपना उम्मीदवार चुनती है और यह चुनावी खेल किस दिशा में जाता है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
राजेश ठाकुर की प्रमुखता और राजनीतिक पकड़
मंगलवार को राजेश ठाकुर बोकारो के चंदनक्यारी में एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ नजर आए, जिससे उनके राजनीतिक प्रभाव की चर्चा फिर से तेज हो गई। ठाकुर का कांग्रेस पार्टी में प्रभाव राष्ट्रीय स्तर तक है। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं और पिछले दो दशकों में पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। कई नेताओं का मानना है कि ठाकुर को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है। उनके नाम का कोई औपचारिक सर्वे नहीं हुआ, न ही उन्होंने चुनाव लड़ने की मंशा के तहत अपना बायोडाटा जमा किया है। बावजूद इसके, कई विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी के बड़े नेता खुद चाहते हैं कि राजेश ठाकुर इस बार चुनाव लड़ें।
कुमार गौरव की राजनीतिक चाल
बुधवार को कुमार गौरव ने राज्य के युवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद पूरी तरह से सुर्खियां बटोरीं। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलना, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोगों का मानना है कि यह नियुक्ति इस संकेत के तौर पर देखी जा रही है कि पार्टी उन्हें विधानसभा टिकट नहीं देना चाहती, जबकि कई विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय कुमार गौरव की छवि को मजबूत करने के लिए लिया गया है।
कुमार गौरव का अचानक बढ़ता राजनीतिक कद यह संकेत दे रहा है कि पार्टी उन पर विचार कर सकती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह बोकारो विधानसभा सीट के टिकट के लिए कितनी मजबूती से उभरते हैं। उन्होंने बोकारो से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए जिला कांग्रेस को अपना बायोडाटा जमा किया है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
स्वेता सिंह का जमीनी अभियान
स्वेता सिंह, जो पिछली बार कांग्रेस की प्रत्याशी थीं, इस बार टिकट के लिए जमीनी स्तर पर जोरदार प्रचार कर रही हैं। जबकि बाकी नेता टिकट पाने की कोशिशों में जुटे हैं, स्वेता सिंह अपने चुनाव अभियान को जोर-शोर से आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जनसभाएं कर, लोगों से संवाद स्थापित करना शुरू कर दिया है। दिग्गज नेता स्वर्गीय समरेश सिंह की बहू, स्वेता 2019 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ी थीं, जिसमें उन्हें 99,000 वोट मिले, फिर भी हार का सामना करना पड़ा। इस बार उन्होंने अपनी पिछली गलतियों का विश्लेषण कर 586 बूथों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बनाई है।
स्वेता सिंह का आत्मविश्वास इस बार बहुत अधिक है और वह अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रही हैं। ग्रामीण इलाकों में उनकी सक्रियता और मतदाताओं से सीधा संवाद उनकी तैयारी को दर्शाता है। स्वेता सिंह के कैंपेनिंग से यह स्पष्ट होता है कि वह जमीन से जुड़कर अपनी शक्ति जुटा रही हैं, जबकि बाकी नेता टिकट के लिए सिर्फ जोड़तोड़ में लगे हुए हैं। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x