Bokaro: ऐसे समय में जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नई रणनीतियां बना रही है, कांग्रेस (Congress) पार्टी अभी भी लोकसभा चुनावों में अपनी पिछली हार की समीक्षा करने में व्यस्त है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
उपस्थिति: प्रमुख कांग्रेस नेता हुए शामिल
धनबाद लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की हार की समीक्षा के लिए शनिवार को बोकारो के सर्किट हाउस में बैठक हुई। बैठक में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू, प्रदेश नेता प्रदीप तुलस्यान, भीम कुमार, सुल्तान अहमद और कांग्रेस जिला कमेटी के पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में धनबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बोकारो और चंदनक्यारी विधानसभा क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
समीक्षा बैठक: धनबाद लोकसभा क्षेत्र में हार पर मंथन
बोकारो जिला कमेटी के सदस्यों ने भी अपनी राय रखी। बैठक में पिछले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रही स्वेता सिंह, जिला अध्यक्ष उमेश गुप्ता, वरिये नेता जवाहर महता, मृतुन्जय शर्मा आदि नेता उपस्तिथ थे। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में कई बूथों पर पार्टी के कमजोर होने, पोलिंग एजेंट नहीं होने जैसी बातें भी बैठक में सामने आई है। प्रदीप बालमुचू ने कहा, “बोकारो के बाद धनबाद में भी समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसकी रिपोर्ट प्रदेशस्तर की कमिटी को सुपुर्द कर दिया जाएगा।”
मांग: कार्यकर्ताओं ने की उम्मीदवारों की जल्द घोषणा की अपील
बैठक के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्य के नेताओं से विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों की जल्द घोषणा सुनिश्चित करने की मांग की। कुछ कार्यकर्ताओ ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा में देरी को हार का एक मुख्य कारण बताया, क्युकी उससे तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पता है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में काफी देरी हुई, जबकि बीजेपी के उम्मीदवारों की घोषणा पहले हो गई थी।
बैठक में श्वेता सिंह व कुछ अन्य नेताओं के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओ को बोकारो विधानसभा से प्रत्याशी बनाने की मांग भी रखी, जिस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली. Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
विपरीत दृश्य: सर्किट हाउस में दिखी असामान्य सक्रियता
सर्किट हाउस की बैठक आम जिला स्तरीय कांग्रेस बैठकों से अलग दिखी, क्योंकि इसमें नेताओं और कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति थी। यह बैठक आम जिला स्तरीय कांग्रेस बैठकों से बिल्कुल अलग दिखी। ज़िले की सामान्य बैठकों में स्थानीय नेता की उपस्तिथि कम होती है। कुछ लोगो का मानना है कि अगर इतनी संख्या में जिला स्तरीय बैठकों में उपस्तिथि होने लगे तो जिला कांग्रेस में समन्वय और प्रेरणा का अभाव दूर हो जायेगा और पार्टी जमीनी स्तर पर प्रभावी हो जाएगी।