शहर के नामी बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के चिकित्सा प्रमुख डॉ. विभूति भूषण करुणामय साइबर अपराध का शिकार हो गए हैं। जालसाजों ने झूठे आरोप और धमकी का सहारा लेकर डॉक्टर से 20 लाख 86 हजार 947 रुपये ठग लिए। साइबर अपराधियों ने उन्हें फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर यह रकम ऐंठ ली। डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना डिजिटल ठगी के बढ़ते खतरों को उजागर करती है और सतर्कता की जरूरत पर बल देती है। इसके पहले भी साइबर अपराधियों ने बीजीएच के डॉक्टरों को निशाना बनाया है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल के चिकित्सा प्रमुख डॉ. विभूति भूषण करुणामय द्वारा दी गई घटना की जानकारी पर साइबर थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डॉक्टर ने पुलिस को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि घटना 15 जनवरी की है, जब वह अस्पताल के इकोकार्डियोग्राफी रूम में मरीज की जांच कर रहे थे।
“मोबाइल नंबर ब्लॉक” का डर दिखाकर शुरू की जालसाजी
डॉक्टर विभूति को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को टेलीफोन विभाग का कर्मचारी बताया। कॉलर ने कहा कि डॉक्टर के नाम से जारी एक मोबाइल नंबर से अवैध फोटो और वीडियो वायरल हुए हैं, और उनका नंबर दो घंटे में बंद हो सकता है। इसके समाधान के लिए कॉलर ने उन्हें कीपैड पर “9” दबाने को कहा। डॉक्टर ने निर्देशों का पालन किया, जिसके बाद किसी ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर कहा कि उनके नाम से मुंबई के नासिक में एक मोबाइल नंबर रजिस्टर किया गया है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
व्हाट्सएप वीडियो कॉल से बढ़ी संदिग्ध गतिविधियां
अपराधी ने डॉक्टर से व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर एकांत कमरे में बात करने को कहा। ढाई घंटे तक बातचीत में अपराधी ने डॉक्टर को नासिक जाकर एफआईआर दर्ज कराने या ऑनलाइन काउंटर एफआईआर का सुझाव दिया। डॉक्टर ने नासिक जाने में असमर्थता जताई, जिसके बाद अपराधी ने उन्हें ऑनलाइन एफआईआर का विकल्प दिया। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
फर्जी बैंक खातों और मनी लॉन्ड्रिंग का हवाला
इसके बाद शातिर ने चिकित्सक को झांसे में लेने के लिए स्पीकर पर फोन रखकर किसी और से बात कराई। ‘उधर से जवाब आया कि इस नंबर से पांच प्रदेशों में अवैधानिक कृत्य चल रहा है। अपराधी ने डॉक्टर को फर्जी बैंक खाता खोलने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का डर दिखाया। उसने दावा किया कि डॉक्टर के नाम से केनरा बैंक में खाता खुला है, जिससे नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग मामले का कनेक्शन है। अपराधी ने गैर-जमानती वारंट की प्रति व्हाट्सएप पर भेजकर डॉक्टर को और भयभीत कर दिया। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
आरटीजीएस के ज़रिए ठगी
डर और भ्रमित करने के बाद, अपराधियों ने डॉक्टर से कहा कि 247 संदिग्ध खातों में से एक में उन्हें 20,86,947 रुपये आरटीजीएस करना होगा, जो तीन दिनों में उनके खाते में वापस आ जाएगा। डॉक्टर को यकीन दिलाने के लिए अपराधियों ने कहा कि यह राशि कोर्ट में जमा हो रही है। 25 लाख रुपये और मांगने पर डॉक्टर को संदेह हुआ। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
धमकी के बाद पुलिस का सहारा
अपराधियों ने डॉक्टर से सादे कागज पर लिखवाया कि वह इस घटना की जानकारी किसी को नहीं देंगे। जब डॉक्टर ने राशि देने से इनकार किया, तो उन्हें धमकी दी गई। इसके बाद डॉक्टर ने नंबर ब्लॉक कर पुलिस से मदद मांगी। साइबर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
बीजीएच के डॉक्टर भी बने साइबर अपराधियों के निशाने पर
इससे पहले भी साइबर अपराधियों ने बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) के डॉक्टरों को ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की है। एक मामले में सही समय पर सूचना मिलने के कारण पुलिस की तकनीकी टीम ने ठगी गई राशि को बैंक में ब्लॉक करवा दिया। इस त्वरित कार्रवाई की बदौलत साइबर अपराधियों तक राशि पहुंचने से रोक दी गई और वह रकम सकुशल डॉक्टर को वापस कर दी गई। यह घटना पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का एक सफल उदाहरण है।
Source: Dainik Jagran (Bokaro Edition)