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Bokaro: लुगुबुरु घंटाबाड़ी में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय सरना धर्म महासम्मेलन, देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु


Bokaro: देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से लाखो संथाल आदिवासी बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत ललपनिया के लुग्गू पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध पवित्र स्थल लुग्गूबुरु घंटावाड़ी धोरामगाढ़ अपने दो दिवसीय धर्म सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे। इनमे कई दिग्गज और वीवीआईपी भी शामिल हैं। इस धर्म सम्मेलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सोमवार को आएंगे।

लुगु बुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ संतालियों की धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी है। हर साल यहां कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर दो दिवसीय सरना धर्म महासम्मेलन का आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश से लाखो भक्त आते है। 

रविवार को बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी और एसपी प्रियदर्शी अलोक अन्य अधिकारियो के साथ धर्म स्थल पहुंचे। उन्होंने जरुरी निर्देश दिए। श्रद्धालुओं ने प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की। डीसी – एसपी ने क्रमवार टेंट सिटी, विभिन्न पार्किंग स्थलों, लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ आदि स्थलों का निरीक्षण किया।

हजारों वर्ष से लुगु बुरु में संथालियों की गहरी आस्था है। लेकिन यहां धर्म महासम्मेलन की शुरुआत वर्ष 2001 से हुई थी।  लुगु बुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संथाल सरना धर्म महासम्मेलन आयोजित किया जाता है।

इस महासम्मेलन में देश के विभिन्न प्रदेशों झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा, असम, मणिपुर, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, भूटान व अन्य देशों से यहां श्रद्धालु आते हैं। महासम्मेलन में शामिल होकर अपने, धर्म, भाषा, लिपि व संस्कृति को उसके मूल रूप में संजोये रखने, प्रकृति की रक्षा पर चर्चा करते हैं, उसका संकल्प लेते हैं।

“यह हमारी सबसे बड़ी धार्मिक सभा है। समारोह में भाग लेने के लिए नेपाल, मणिपुर, उड़ीसा, बिहार और अन्य राज्यों से संथाल पहुंचे रहे हैं,” अध्यक्ष बाबुली सोरेन ने कहा। लुग्गू बाबा मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से सुसज्जित है। वहीं धार्मिक समागम का आयोजन लुग्गूबुरु घंटावाड़ी धोरामगाड़ में किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालु पहाड़ी पर स्थित लुग्गू बाबा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचेंगे।

संथालियों के अलावा, अन्य समुदायों के लोगों की लुग्गुबाबा में गहरी आस्था है, जो भगवान शिव के स्वरूप हैं। क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जबकि भक्तों की सुविधा के लिए अस्थायी आश्रय, शेड, सार्वजनिक शौचालय और अन्य सभी व्यवस्थाएं स्थापित की गई हैं।


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