Bokaro: दिल्ली से बोकारो ट्रैन में सफर कर रहे एक शख्स को मौत छू के निकल गई। बोकारो के 22 साल के मनोज करमाली को जब ट्रैन में सीट नहीं मिली तो वह जनरल बोगी के दरवाज़े में बैठ कर सफर करने लगा। इसी बीच उसे झपकी आ गई और वह ट्रैन से नीचे गिर गया।
सौभाग्य से जिस समय वह गिरा उस वक़्त ट्रैन एक नदी के पुल से गुजर रही थी। वह पानी में गिरा। जहां गिरा वहा भी पानी कमर जितना था। वह किसी तरह उसी रेलवे ब्रिज के पिलर तक पंहुचा और उसपर चढ़ गया।
घटना को देखकर ट्रैन में सफर कर रहे यात्रियों ने आरपीएफ और रेलवे के स्टाफ को बताया, जो कुछ घंटे बाद जब पुल पर पहुंचे तो करमाली को पिलर में पाया और उसे ऊपर खिंच कर निकाला। करमाली, बोकारो जिले के महुआटांड़ थाने के बड़की पुनु का रहने वाला है।
बताया गया कि करमाली अपने दोस्त के साथ दिल्ली से अपने घर बोकारो वापस लौट रहा था। उसने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी-टाटा संबलपुर एक्सप्रेस पकड़ी और जनरल डिब्बे में चढ़ गया। रात भर की थकान के चलते मनोज ट्रेन के दरवाजे के पास ही बैठ गया।
60 फीट नीचे गिरा था मनोज करमाली
27 सितंबर की तड़के दरवाजे के पास बैठे करमाली ने बैलेंस खोया और वो 60 फीट नीचे जा गिरा। आंख खुली तो देखा कि वो डूब रहा था। हाथ-पैर मारने के कुछ देर बाद वो खड़ा हो गया। क्योंकि पानी कमर से नीचे था। ऊपर देखा तो उसकी ट्रेन गुजर रही थी। नदी में ठीक इतना ही पानी था की करमाली गिरने पर बच जाए और डूबे भी ना।
करमाली ने खड़े होकर नदी पार करने की कोशिश की लेकिन आसपास बहुत पानी था तो इसलिए वो वहीं पुल के पिलर पर था। RPF इंस्पेक्टर इन-चार्ज बनारसी यादव ने बताया कि मनोज जब गिरा उस वक्त ट्रेन कोयल नदी पर बने रेलवे ब्रिज नंबर-2 से गुजर रही थी। मौके पर तीन लोगों की RPF टीम पहुंची। उन्होंने रस्सी फेंककर मनोज से उसे पकड़ने को कहा और ऊपर खींच लिया। वहां तक पहुंचने का रास्ता नहीं था।
घटना के बाद मनोज को चेकअप के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया। इसके बाद RPF के अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी मनोज के परिवार को दी जो आकर उसे घर ले गए।