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Bokaro: आज से देश में नया आपराधिक कानून लागू


Bokaro: नए आपराधिक कानून सोमवार से पूरे देश में लागू हो गया। भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने क्रमशः भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है।

नए कानून के अनुसार ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करना, ‘एमएमएस’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के माध्यम से समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक साधन और सभी जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थल की अनिवार्य फोटोग्राफी शामिल है। इन कानूनों ने कुछ मौजूदा सामाजिक वास्तविकताओं और अपराधों से निपटने की कोशिश की है और संविधान में निहित सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए उनसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक तंत्र प्रदान किया है।

नए कानूनों में प्रारंभिक जांच का प्रावधान
वर्तमान में हर छोटे मामलों में प्राथमिकी दर्ज की जाती है। नए कानूनों में प्रारंभिक जांच का प्रावधान है। इस वजह से बेवजह होनेवाले मुकदमों का बोझ कम होगा और जो भी प्राथमिकी होगी उसके गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान का पुलिस को अधिक समय मिलेगा। इससे शत प्रतिशत मामलों में पुलिस सजा दिलाने में कामयाब होगी। यह कहना है एसपी पूज्य प्रकाश का। उन्होंने जिले भर के थानेदारों को नए कानूनों की जानकारी दी।

बिना थाना गये घटनाओं की रिपोर्ट होगी दर्ज
नए कानूनों के तहत अब कोई भी व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से पुलिस को घटना की सूचना दे सकता है। जीरो एफआईआर के साथ अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करा सकता है। भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में न हुआ हो, इससे कानूनी कार्यवाही शुरू होने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज हो सकेगा।

मेडिकल रिपोर्ट भी सात दिनों के अंदर ही..
नए कानून में जीरो एफआइआर का प्रावधान है तो बगैर देर के नागरिक को बिना किसी शुल्क के एफआइआर की प्रति प्राप्त करने के हकदार हैं। पुलिस को नब्बे दिनों के भीतर जांच की प्रगति के बारे में पीड़ित को सूचित करना अनिवार्य है। पीड़ित की मेडिकल जांच उसकी सहमति से 24 घंटे के अंदर की जानी है। मेडिकल रिपोर्ट भी सात दिनों के अंदर ही दे देनी है।

झूठे वादे कर यौन संबंध बनाने पर सख्त..
जानकारी दी गई कि आइपीसी में धाराओं की संख्या 511 थी। भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं। कई अपराधों के लिए अनिवार्य न्यूनतम सजा किया गया है। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। झूठे वादे कर यौन संबंध बनाने पर सख्त सजा का प्रावधान है। कई अपराधों में सजा की अवधि बढ़ाई गई है।


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