Bokaro: रांची के पत्रकार (सीनियर जर्नलिस्ट) बैजनाथ महतो पर हुए जानलेवा हमले को लेकर बोकारो के पत्रकारों में रोष व्याप्त है। ज़िले के पत्रकारों ने उक्त घटना की कड़ी निंदा करते हुए आरोपियों की अविलम्ब गिरफतारी की मांग की है। मंगलवार को बोकारो प्रेस क्लब व भारतीय पत्रकार संघ ने संयुक्त रूप से उपायुक्त कुलदीप चौधरी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान बोकारो प्रेस क्लब के महासचिव, राममूर्ति ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। ऐसे में बार-बार पत्रकारों के उपर जानलेवा हमला होना निंदनीय है। उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से अविलंब दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। बोकारो प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने कहा यह बहुत ही शर्मनाक घटना है। पुलिस आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करे।
वहीं इस मौके पर भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करने की मांग की है। जिले के सभी अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक चैनेलो के पत्रकारों ने इस घटना पर दुःख जताया और कड़े शब्दों में निंदा की है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बहुत ही दुखद है।
यह थी घटना –
बताया जा रहा है कि पत्रकार बैजनाथ महतो पर 11 सितंबर की रात जानलेवा हमला किया गया था। यह घटना रांची के सदर थाना क्षेत्र की तिरिल बस्ती में हुई थी, जहां आरोपियों ने वरिष्ठ पत्रकार कैमरा पर्सन बैजनाथ महतो पर हत्या की नीयत से जानलेवा हमला किया था। पुलिस ने गंभीर अवस्था में बैजनाथ महतो को रिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उनके सिर और गर्दन में घातक हथियार से दर्जनों वार किया गया है।
पत्रकार पर हमले के आरोपी पर पुलिस ने आज पोस्टर जारी कर इनाम घोषित किया-
बैजनाथ महतो पर हुए हमले में शामिल अपराधी चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के पकड़ से बाहर है ,वही पत्रकार बैजनाथ अस्पताल में जीवन – मौत की लड़ाई लड़ रहे है। इसी बीच अब रांची पुलिस ने हमले में शामिल मुख्य आरोपी आकाश उर्फ बेंगा की तस्वीर जारी कर उसका पता बताने वाले को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। एसएसपी सुरेंद्र झा ने बताया कि सूचना देने वाले नाम-पता गोपनीय रखा जाएगा.
देश भर में इतने पत्रकारों को बनाया गया निशाना
RRAG की रिपोर्ट कहती है कि साल 2020 में 228 पत्रकारों को भारत में निशाना बनाए गए। जिन राज्यों में पत्रकारों को सबसे ज्यादा प्रताड़ना झेलनी पड़ी है, उनमें पहले पायदान पर है उत्तर प्रदेश (37) और दूसरे पर है महाराष्ट्र (22)। RRAG के इस अध्ययन के अनुसार साल 2020 में 13 पत्रकार मारे गए। 101 पत्रकार शारीरिक और ऑनलाइन हमले के भी शिकार हुए।