Bokaro: वर्तमान समय में मादक पदार्थ का सेवन एक गंभीर समस्या हो गई है। मादक पदार्थों पर रोक के लिए झारखंड सरकार पूर्ण संकल्पित है। मादक पदार्थों का सेवन केवल एक व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को अस्त-व्यस्त कर देता है।
युवा वर्ग द्वारा मादक पदार्थों का सेवन का दायरा बढ़ता जा रहा है, यह चिंता का विषय है। इस सामाजिक समस्या को केवल जन जागरूकता से ही अंकुश लगाया जा सकता है। बोकारो, झारखंड एवं देश को नशामुक्त बनाने के लिए जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा ” रन फार ड्रग फ्री झारखंड ” मैराथन का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
मैराथन की शुरूआत बोकारो हवाई अड्डा से हुई, जो अमृत पार्क गरगा पुल पहुंच समाप्त हुई। मौके पर उपस्थित डीपीएलआर श्रीमती मेनका ने कहा कि मादक पदार्थों पर रोक, नशे को ना जिंदगी को हां के तहत पूरे जिले में जन जागरूकता के लिए 19 से 26 जून तक अलग – अलग विभागों द्वारा विभिन्न गतिविधि का आयोजन कर आम लोगों को जागरूकता किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा ” रन फार ड्रग फ्री झारखंड ” का आयोजन किया गया। ताकि आम जन जागरूक होकर नशे की लत का त्याग करें, युवा वर्ग जो किसी कारण भटक गये हैं,वह नशे का त्याग कर समाज के मुख्यधारा में शामिल हो।
मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी चास श्री ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन एक वैश्विक चुनौती है। संभावित पीड़ितों को मादक पदार्थों के सेवन से होने वाली बर्बादी के बारे में सचेत/जागरूक करने को लेकर यह पहल है। पूरे राज्य में मादक पदार्थों के सेवन से हो रहें नुकसान के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने को इस जाल से सुरक्षित रख सकें।
मौके पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री साकेत कुमार पांडेय ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन से शरीर और मन पर बहुत ही बुरा प्रभाव होता है यह किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले सकता है। इससे सभी को दूर रहने की आवश्यकता है।
मौके पर सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी श्री अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि विभाग ने आम जनों की जागरूकता को लेकर इस मैराथन का आयोजन किया है, ताकि आम जन जागरूक होकर मादक पदार्थों के सेवन का त्याग करें। उन्होंने सबों को नशा मुक्त भारत, झारखंड एवं जिला बनाने को लेकर प्रतिज्ञा दिलाई। सबों ने बोकारो – झारखंड एवं देश को नशामुक्त करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव प्रयास करने का प्रतिज्ञा लिया।