बोकारो स्टील प्लांट (BSL) को ट्रांसफर की गई अनुपयोगी वन भूमि को वापस करने का मामला सुर्खियों में है। झारखंड सरकार के वन विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं, लेकिन BSL द्वारा अब तक अनुपालन नहीं किया गया है। अवैध अतिक्रमण और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के उल्लंघन की शिकायतों के बीच, इस मुद्दे की CID जांच जारी है। BSL के टाउन एडमिनिस्ट्रेशन के एके महाप्रबंधक (GM) द्वारा तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप भी वन विभाग ने लगाया है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1xवन विभाग ने बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज बीरेंद्र कुमार तिवारी को पत्र भेजकर इस पूरे मामले से अवगत कराया है और कार्रवाई करने को कहा हैं। भेजे गए पत्र में ये लिखा है कि – “There is credible information regarding the illegal sale and encroachment of forest land transferred to BSL, based on forged documents. The involvement of certain BSL officials has come to light, leading to the registration of FIR.”
राज्य सरकार ने दिए सख्त निर्देश
बोकारो स्टील प्लांट (BSL) को ट्रांसफर की गई अनुपयोगी वन भूमि को वापस करने का मामला फिर चर्चा में आ गया है। झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 18 नवंबर 2024 को हुई बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई थी। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
समिति द्वारा भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया
बैठक में निर्णय लिया गया था कि बोकारो वन प्रमंडल और बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति गठित की जाएगी, जो इस भूमि का सर्वेक्षण कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही, BSL को यह भी निर्देश दिया गया था कि वे अनुपयोगी वन भूमि को चिह्नित करने के लिए सीमांकन स्तंभ स्थापित करें।
BSL द्वारा निर्देशों की अवहेलना
वन प्रमंडल अधिकारी (DFO), बोकारो रजनीश कुमार ने भेजे गए पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है कि – वन विभाग के द्वारा 20 दिसंबर 2024 को जारी पत्र संख्या 2572 के माध्यम से BSL के संबंधित अधिकारियों को 26 दिसंबर 2024 को बैठक के लिए बुलाया था। हालांकि, इस निर्देश का पालन करने के बजाय, BSL के टाउन एडमिनिस्ट्रेशन के महाप्रबंधक (GM) ने 15 जनवरी 2025 को पत्र संख्या TA/LRA/2025/3670 जारी कर बीएसएल को हस्तांतरित वन भूमि के तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और झारखंड सरकार द्वारा जारी आधिकारिक संचार को गलत तरीके से उद्धृत किया, जिससे अधिकारियों को गुमराह किया गया है।
BSL के प्रवक्ता मणिकांत धान से पूछे जाने पर उन्होंने इस विषय पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। आगे इस विषय पर कुछ भी आधिकारिक सुचना मिलने पर इस खबर में जोड़ दिया जाएगा या सुचना दी जाएगी। वन भूमि के कानूनी स्थिति पर स्पष्टीकरण
यह स्पष्ट रूप से स्थापित है कि 1962 में राज्य सरकार के निर्देशों के तहत बोकारो स्टील प्लांट (BSL) को वन विभाग द्वारा दो वन प्रमंडलों से वन भूमि हस्तांतरित की गई थी:
> हजारीबाग (पूर्व) वन प्रमंडल द्वारा 30 मार्च 1968 को पत्र संख्या 1498 के माध्यम से 671.09 एकड़ भूमि हस्तांतरित की गई थी।
> धनबाद वन प्रमंडल (वर्तमान में बोकारो वन प्रमंडल) द्वारा 24 मई 1962 को पत्र संख्या 1401 के माध्यम से 870.38 एकड़ भूमि सौंपी गई थी।
इसके बाद 1976 में BSL ने पुष्टि की कि उनके पास कुल 1535.40 एकड़ वन भूमि 17 गांवों में मौजूद है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
BSL का भ्रमित करने वाला दावा
2007 के बाद से BSL ने दावा करना शुरू कर दिया कि उनके पास केवल 778.46 एकड़ भूमि का स्वामित्व है। 15 जनवरी 2025 के पत्र में BSL ने 24 अप्रैल 2007 के एक पत्र का हवाला देते हुए अपने दावे को सही ठहराने की कोशिश की, जबकि यह स्पष्ट रूप से एक भविष्य की योजना मात्र थी।
वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण और अपराध
डीएफओ ने यह भी लिखा है – सूचनाओं के अनुसार, BSL को हस्तांतरित वन भूमि के अवैध बिक्री और अतिक्रमण की घटनाएं सामने आई हैं। इसमें कुछ BSL अधिकारियों की संलिप्तता भी पाई गई है, जिसके चलते सेक्टर XII थाना में एफआईआर संख्या 32/2024 दर्ज की गई और अब यह मामला CID के तहत जांच में है।
वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत कानूनी परिणाम
वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत यदि कोई सरकारी विभाग अपराध करता है, तो उस विभाग के प्रमुख को दोषी माना जाएगा। अधिनियम की धारा 3B के अनुसार:
यदि कोई अपराध सरकारी विभाग द्वारा किया जाता है, तो उस विभाग के प्रमुख को उत्तरदायी ठहराया जाएगा। यदि कोई अपराध किसी प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, तो उस प्राधिकरण के प्रत्येक उत्तरदायी अधिकारी को दोषी माना जाएगा। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
BSL प्रमुख को चेतावनी
BSL, बोकारो के प्रमुख को झारखंड सरकार द्वारा 18 नवंबर 2024 को जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। यदि अनुपयोगी वन भूमि वापस नहीं की जाती है, तो इसे गैर-अनुपालन माना जाएगा और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारियों को पत्र की प्रतिलिपि
वन विभाग द्वारा बीएसएल प्रबंधन को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि संबंधित अधिकारियों को निम्नलिखित भेजी गई है: भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के सचिव, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के चेयरमैन, SAIL के मुख्य सतर्कता अधिकारी, झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव, झारखंड सरकार के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF), अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक, बोकारो क्षेत्र, और बोकारो सर्कल के वन संरक्षक। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x