Bokaro: झारखंड के 22 छात्रों को मंगलवार को हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से निकाला गया। निकाले गए 22 छात्रों में दो लड़के और एक लड़की बोकारो के भी हैं। फ़िलहाल मणिपुर, नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (NSU) में पढ़ने वाले बोकारो के तीन छात्र इस ग्रुप में नहीं आये है। वह कैंपस में सुरक्षित है और कुछ दिन बाद आएंगे।
बताया जा रहा है कि इन 22 फंसे हुए छात्रों को पहले इम्फाल-पटना की सीधी उड़ान से पटना लाया गया। झारखंड सरकार ने इंफाल से पटना हवाईअड्डे पहुंचे 22 छात्रों को वापस लाने के लिए रांची से पटना के लिए 42 सीटों वाली एसी बस भेजी। जिससे वह लाये जा रहे है।
आने वाले छात्रों में बोकारो के सेक्टर 3 B के रहने वाले दो भाई विशाल कुमार और राहुल कुमार है। साथ ही बेरमो की रहनेवाली सौम्या सलोनी भी है। दोनों भाई नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के छात्र है और सलोनी सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, मणिपुर की छात्रा है। सुरक्षित घर वापसी से तीनो छात्र और उनके माता-पिता बेहद खुश है। राज्य सरकार और बोकारो डीसी को धन्यवाद दे रहे है।
सभी के साथ, पटना से झारखण्ड का बस से सफर तये कर रहे विशाल कुमार ने दूरभाष से बताया कि वह सुरक्षित बोकारो आ रहे है। सफर में कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्हें बहुत ही अच्छे से लाया गया। जब से मणिपुर में हिंसा भड़की है, तब से वह यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर ही थे। यूनिवर्सिटी प्रबंधन सभी छात्रों का अच्छे से ध्यान रख रही थी। विशाल फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट है और उनके बड़े भाई राहुल पीजी फाइनल ईयर में पढ़ते है।
इधर नहीं आने वालो में बोकारो के तीन छात्र है। वो सभी नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स है। इनमे अंकित कुमार सेक्टर 2 निवासी है और समीर सिंह और सिद्दार्थ डे चास के रहनेवाले है। समीर ने कहा कि वह सभी फाइनल ईयर में है और उनका अंतिम पेपर 15 मई को है उसके बाद ही वह लौटेंगे। अभी लौट जाते तो नुकसान हो जाता है। यूनिवर्सिटी शहर में है और वह सेफ है। वह कैंपस के बाहर बिलकुल भी नहीं निकल रहे है। बाहर का माहौल ख़राब है कर्फ्यू लगा हुआ है। इंटरनेट ब्लॉक है।
लौटने वाले 22 बच्चे एनआईटी इंफाल, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी मणिपुर, नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी इंफाल और आईआईटी मणिपुर के छात्र हैं। यह झारखण्ड के रांची, दुमका, पाकुड़, धनबाद, बोकारो, रामगढ़, साहिबगंज, जमशेदपुर आदि के हैं।
छात्रों को कुशल वापसी सुनिश्चित कराने के लिए झारखंड सरकार मणिपुर में श्रम विभाग के संपर्क में थी। भारतीय सेना की इकाई के सहयोग से वह एयरपोर्ट लाये गए। बताया जा रहा है कि मणिपुर से झारखंड के 22 छात्रों की हवाई यात्रा का पूरा खर्चा राज्य सरकार वहन करती है।