Bokaro: पर्यावरणीय जिम्मेदारी को अच्छे तरीके से पूरी करने के लिए बोकारो पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (BPSCL) बड़ा कदम उठाने जा रहा है। सेल और डीवीसी का संयुक्त उद्यम, बीपीएससीएल ने सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए फ़्लू-गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) इकाई लगाने की घोषणा की है। यह झारखण्ड में संचालित पावर प्लांटों में लगने वाला अपने तरह का दूसरा यूनिट होगा।
साथ ही, बीपीएससीएल 60 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण विस्तार परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया है। एफजीडी इकाई स्थापना और बिजली उत्पादन विस्तार की यह दोहरी पहल लगभग 900 करोड़ रुपये का निवेश से होगी।
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जल्द ही टेंडरिंग प्रक्रिया होगी शुरू
एफजीडी प्रणाली ( FGD system) का लक्ष्य बॉयलर और भट्टियों द्वारा उत्पन्न फ्लू गैस से सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2) को हटाया जाता है, जिससे 100% ट्रीटमेंट सुनिश्चित होता है। बीपीएससीएल के सीईओ अनिंदा दास ने बताया कि “एफजीडी यूनिट के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट एनटीपीसी (NTPC) द्वारा तैयार की जा रही है जिसकी जल्द ही टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू होगी।”
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEF & CC) ने बीपीएससीएल जैसे अन्य थर्मल पावर प्लांट (TPP) में एसओ2 के लिए उत्सर्जन मानकों को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम निर्दिष्ट सीमा के भीतर SO2 उत्सर्जन को नियंत्रित करने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के अनुरूप है। सीइओ ने बताया कि एक बार स्थापित होने के बाद एफजीडी इकाई 100 प्रतिशत फ्लू-गैस कि ट्रीटमेंट की सुविधा प्रदान करेगी।
उत्पादन में बढ़ोतरी
इसके साथ ही, बीपीएससीएल 60 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण विस्तार परियोजना शुरू कर रहा है। विस्तार में एक नए बॉयलर, टरबाइन और जनरेटर की स्थापना शामिल है। इससे उत्पादित अतिरिक्त बिजली बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) की बिजली आवश्यकता को पूरा करेगी।
सीईओ अनिंदा दास ने कहा, “नए बॉयलर की स्थापना से बीपीएससीएल का बिजली उत्पादन मौजूदा 338 मेगावाट से बढ़कर 398 मेगावाट हो जाएगा। यह विस्तार बीएसएल की ब्राउनफील्ड परियोजना की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य 2030 तक इस्पात उत्पादन क्षमता को 4.5 एमटीपीए से 7.5 एमटीपीए तक बढ़ाना है।”
900 करोड़ का निवेश
वर्तमान में, बीपीएससीएल अपने आठ बॉयलरों से बीएसएल को प्रति घंटे 150-160 मेगावाट बिजली और 1200 टन भाप की आपूर्ति करता है। नया बॉयलर न केवल बिजली उत्पादन बढ़ाएगा बल्कि भाप उत्पादन भी बढ़ाएगा। बढ़ी हुई भाप का उपयोग ब्लास्ट फर्नेस और कोक ओवन में किया जाएगा।