Bokaro: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) कार्यालय, दिल्ली में एरोड्रम लाइसेंस का आवेदन जमा हो चूका है। अब वहां से इंस्पेक्शन के लिए टीम के आने का इंतज़ार हो रहा है। यूँ तो एयरपोर्ट विस्तार से सम्बंधित सारा काम हो चूका है, बस रनवे के बगल से 1770 पेड़ो को हटाने का काम बाकी है।
एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (AAI) और बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के अधिकारी चाह रहे है की जल्द से जल्द यह काम भी हो जाये। क्युकी DGCA की टीम अब कुछ दिनों में आएगी। उन्हें डर है की निरिक्षण के दौरान इन पेड़ो को देखकर कहीं DGCA की टीम ऑब्जेक्शन न कर दें। जिससे एयरपोर्ट से उड़ान संचालित होने में देरी हो सकती है।
बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट बाउंड्री के अंदर करीब 1770 पेड़ है। जिनको करोनाकाल से पहले दूसरे जगह ट्रांसप्लांट करने का निर्णय हुआ था। उस वक़्त इन पेड़ो के तने 7 इंच से कम थे। इन दो सालों में इनमे से अधिकतर पेड़ो के तने 7 इंच से ऊपर हो गए है। इसलिए अब काटा जा सकता है। इसके लिए बोकारो फारेस्ट डिवीज़न से अनुमति चाहिए।
बताया जा रहा है कि इन पेड़ो को हटाने को लेकर बीएसएल के एविएशन डिपार्टमेंट के चीफ लक्ष्मी दास और डीएफओ ऐ के सिंह के बीच आज मीटिंग हुई। इस मीटिंग में निर्णय लिया गया की फारेस्ट डिपार्टमेंट के रेंजर के नेतृत्व में एक टीम एयरपोर्ट के अंदर के पेड़ो की नंबरिंग और तनों की नापी करेगी। जिसके आधार पर वन विभाग के हाई लेवल कमिटी के पास उन पेड़ो के हटाने का आवेदन भेजा जायेगा। वहां से अनुमति आने के बाद ही पेड़ो को हटाया जा सकेगा।
बोकारो विधायक बिरंची नारायण भी पेड़ो को कटवाने को लेकर वन विभाग, बीएसएल और एएआई से बातचीत कर चुके है। विधायक का कहना है कि अच्छा होगा की DGCA टीम के आने के पहले पेड़ हटा दियें जाएं।
बता दें कि एयरपोर्ट में कंस्ट्रक्शन का सारा काम खत्म हो चुका है। स्पाइस जेट ने भी बोकारो से फ्लाइट शुरू करने की घोषणा कर दी है।
अब जितनी जल्दी डीजीसीए से एरोड्रम लाइसेंस प्राप्त होगा उतनी जल्दी उड़ाने चालू होंगी। क्युकी बेगैर एरोड्रम लाइसेंस के कमर्शियल उड़ान शुरू नहीं हो सकती। चुकी यह एयरपोर्ट बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) का है, इसलिए एरोड्रम लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बीएसएल ने एप्लीकेशन भरकर डीजीसीए को भेजा।
यह माना जा रहा है कि डीजीसीए को एप्लीकेशन फॉर्म भेजने के बाद लाइसेंस मिलने में करीब तीन महीने का वक़्त लगता है। डीजीसीए को एप्लीकेशन प्राप्त होने के बाद उसकी टीम बोकारो एयरपोर्ट आकर बारीकी से निरिक्षण करेगी। उसपर अपना मंतव्य देगी। जिसके आधार पर अगर सुधार की आवश्यकता होती है तो उन कमियों को सुधारा जायेगा। उसके बाद सब संतोषजनक रहा तो ही कमर्शियल उड़ान का लाइसेंस बोकारो एयरपोर्ट को मिल जायेगा।
DGCA क्या है?
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) नागरिक उड्डयन के लिए भारतीय सरकारी नियामक निकाय है, जो भारत में एयरवाइनेस मानकों, सुरक्षा संचालन और चालक दल के प्रशिक्षण को लागू करने, नियंत्रित करने और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार है। लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया में एयरपोर्ट ऑपरेशन मैनुअल, सेफ्टी मैनुअल, एसओपी आदि तैयार करना होता है। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में बोकारो वासी यहाँ से हवाई यात्रा का लाभ उठा सकेंगे।