Bokaro: बोकारो इस्पात डिप्लोमाधारी यूनियन के बैनर तले बीएसएल (BSL) के डिप्लोमा इंजीनियर्स ने जूनियर इंजीनियर पदनाम, 2017 से बकाया एरियर का एकमुश्त भुगतान, निलंबित कर्मचारियों का बहाली, डिप्लोमा इंजीनियर के लिए जूनियर अधिकारी की पात्रता 10 वर्ष का कार्यानुभव, प्रशिक्षु कर्मचारियों की स्टाइपेंड में वृद्धि और उनके आश्रितों को चिकित्सा सुविधा समेत विभिन्न माँगों को लेकर,नगर सेवा भवन से गाँधी चौक तक पैदल मार्च करके प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष संदीप कुमार ने कहा कि वेज रिवीजन के साथ ही जूनियर इंजीनियर पदनाम और S6 ग्रेड में जाते ही डिप्लोमा इंजीनियर को जूनियर ऑफिसर की पात्रता एक बड़ा मुद्दा है जो सीधे तौर पर डिप्लोमा इंजीनियर्स के आत्मविश्वास और स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है। इस्पात मंत्रालय द्वारा की गई अनुशंसा के 5 साल बाद भी पदनाम लागू नहीं होना प्रबंधन की कर्मचारियों के प्रति उदासीन रवैये को दर्शाती है।
कई ऐसे मुद्दे है जिस पर प्रबंधन ने स्वयं निर्णय लिया है पर पदनाम पर कभी यूनियन का बहाना तो कभी कमिटी का बहाना बनाया जाता रहा है। प्रबंधन को डिप्लोमा इंजीनियर्स के बारे में सोचने की जरुरत है सेल की गलत नीतियों का सबसे अधिक शिकार डिप्लोमा वर्ग ही हुआ है।डिग्रेशन में भी जहाँ आईटीआई धारक को 8 साल डिग्रेट किया गया वहीं डिप्लोमा धारक को 12 साल डिग्रेड कर दिया गया। इसमें सुधार की आवश्यकता है कर्मचारियों की मेहनत से इस वर्ष सेल का मुनाफा 12 हजार करोड़ के आसपास होने का उम्मीद है ऐसे में 2017 से एरियर का एकमुश्त भुगतान होना चाहिए। साथ ही साथ सभी निलंबित कर्मचारियों का निलंबन जल्द से जल्द वापस किया जाना चाहिए
एम तिवारी (महामंत्री)- प्रदर्शन से प्रबंधन को जगाने का काम किया गया है। यूनियन की माँग है कि सभी लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान हो।कर्मचारियों की मेहनत से लगातार उत्पादन में वृद्धि के साथ कंपनी की वित्तीय स्थिति में काफी सुधार हुआ है। जिसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए कर्मचारियों को उनका अधिकार और हक मिलना चाहिए। मुद्दों को लटकाकर रखना संयंत्र पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महारत्न कंपनी में प्रशिक्षु कर्मचारियों का स्टाइपेंड अकुशल ठेका कर्मियों के वेतन से भी कम है।
जहाँ अकुशल ठेका कर्मियों को 12 हजार रु. मासिक वेतन मिलता है वहीं आईटीआई और डिप्लोमा इंजीनियर को महज 8 हजार और 10 हजार रु. स्टाइपेंड दिया जाता है। पिछले 12 साल से मात्र 2 हजार रु स्टाइपेंड में वृद्धि हुई है। इसमें शीघ्र सुधार होना चाहिए। एवम प्रशिक्षण अवधि के दौरान उनके आश्रितो को चिकित्सा सुविधा दिया जाना चाहिए। यूनियन द्वारा डिप्लोमा इंजीनियर और कर्मचारियों के मुद्दों को प्रबंधन के सामने प्रखरता से रखा जाएगा। और जब तक हमारी मांगें पूरी नही होतीं तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शन में उपाध्यक्ष रवि शंकर,कोषध्यक्ष सोनू शाह,अरुण कुमार,रत्नेश मिश्रा,आनंद रजक, बलदेव, नरेंद्र दास,चंदन,ज्योतिष, राहुल कुमार, नितेश , सिद्धार्थ, सूरज कंसारी,रितेश ,ऋषीं कुमार, शैलेन्द्र तिवारी, राकेश सिन्हा, राहुल सिंह, निखिल, कमलेश, धर्मेन्द्र मिश्रा, प्रियंक राज, शिवनाथ, ओम प्रकाश सहित सैकड़ो सदस्य उपस्थित रहे।