Bokaro: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2024-25 पर प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। झारखंड की बात करें तो बजट पर अलग-अलग चर्चा हो रही है। झारखंड राज्य के लिए अलग से इस बजट में कोई विशेष योजना या प्रावधान नहीं है। जबकि इस साल के अंत तक झारखंड मे विधानसभा का चुनाव होने वाला है। हालांकि पूर्वोदय योजना, जिसे सरकार ने विकास भी विरासत भी नाम दिया है, के तहत जिन पांच पांच राज्यों को शामिल किया है, उनमें झारखंड भी है.
बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने इस बजट को विकास की गति को तेज करने वाला और रोजगार व स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट किसान और पर्यटन क्षेत्र में विशेष अवसर प्रदान करेगा और गरीबों के लिए लाभकारी होगा। नारायण ने इसे भारत की 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसे ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लिए आवश्यक आर्थिक दस्तावेज़ करार दिया।
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के बोकारो महानगर अध्यक्ष मंटू यादव ने इस बजट पर तीखा हमला किया। यादव ने आरोप लगाया कि बजट में झारखंड के लिए कुछ भी विशेष नहीं है और यह केवल आंकड़ों में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार और आंध्र प्रदेश के दबाव में विशेष पैकेज की घोषणा की गई है, लेकिन झारखंड के बेरोजगारों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। यादव ने इस बजट को झारखंड की जनता के लिए निराशाजनक और प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करने वाला बताया।
कांग्रेस की स्वेता सिंह ने केंद्रीय बजट 2024 पर कहा कि मोदी सरकार ने देश के करोड़ों युवाओं और किसानों को फिर एक बार ठगने का काम किया है. मोदी सरकार ने युवाओं और किसानों को इस बजट के माध्यम से लॉलीपॉप थमा दिया है. यह बजट अमीरों के लिए रिबेट और मध्यम वर्ग के लिए डिबेट वाला बजट है.
केंद्रीय बजट में झारखंड को क्या मिला ?
मुद्रा लोन को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया है। इससे छोटे कारोबारियों को पैरों पर खड़ा होने की ताकत मिलेगी। केंद्र सरकार ने सोलर एनर्जी, कोल बेस एनर्जी पर फोकस किया है। इससे विकास को गति मिलेगी। अर्बन हाउसिंग की दिशा में की गई पहल अच्छी है। मध्यम वर्ग के हित का ध्यान रखा गया है। सोना और चांदी की कीमत में कमी आने की संभावना है। झारखंड को शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कुछ खास नहीं मिला। माइनिंग सेक्टर के लिहाज से भी कुछ खास नहीं दिख रहा है।
आदिवासियों की आर्थिक, सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने की घोषणा हुई। झारखण्ड की पुरानी रेल परियोजनाओं के विस्तार का एलान किया गया है। झारखंड जैसे सूखाग्रस्त राज्य के लिए राहत बजट में नहीं दी गयी है। सरकार 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी। इसमें 5000 रुपए प्रति माह इंटर्नशिप भत्ता और 6000 रुपए की एकमुश्त सहायता दी जाएगी।