Bokaro: देश में फर्जी डॉक्टरों का एक बड़ा रैकेट सामने आया है। जिसको लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने बोकारो सहित देश भर में 91 जगह छापा मारा है। बताया जा रहा है कि जुगाड़ के जरिये भारत में कई लोगो ने मेडिकल प्रैक्टिस के लाइसेंस प्राप्त किए हैं। सीबीआई ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की शिकायत पर मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है।
बोकारो में चास थाना अंतर्गत रहनेवाले मुकेश कुमार सीबीआई के अंडर स्कैनर है। उनकी डिग्री और सर्टिफिकेट की सीबीआई जाँच कर रही है। बताया जा रहा है कि 2011 से सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में कार्यरत विदेश से एमबीबीएस डिग्री प्राप्त डॉक्टर सीबीआई के रडार पर है। बोकारो में सीबीआई ने सबंधित जानकारी पहले ही एकत्रित कर ली है।
बताया जा रहा है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित किया था कि 2011-22 के दौरान रूस , यूक्रेन , चीन और नाइजीरिया जैसे देशों से एमबीबीएस करने वाले 73 ऐसे मेडिकल स्नातकों ने अनिवार्य विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा ( FMGE ) परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है। फिर भी विभिन्न राज्य चिकित्सा परिषद (State Medical Council) से पंजीकरण प्राप्त किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सीबीआई को की गई शिकायत में कहा गया है कि गैर – योग्य व्यक्तियों द्वारा इस तरह की धोखाधड़ी और फर्जी पंजीकरण नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा। 14 राज्यों में जारी किए गए हैं फर्जी लाइसेंस। जानकारी के अनुसार , इन उम्मीदवारों को अनिवार्य विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा ( FMGE ) उत्तीर्ण किए बिना भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने की अनुमति दे दी गई थी।
FMGE क्वालिफाई नहीं कर पाने के बावजूद मिला लाइसेंस केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मानदंडों के अनुसार , विदेश से मेडिकल स्नातक करने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग या राज्य चिकित्सा परिषद के साथ अंतरिम या स्थायी पंजीकरण प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड ( NBE ) द्वारा आयोजित एफएमजीई / स्क्रीनिंग टेस्ट उत्तीर्ण करना होता है।
लेकिन आरोपियों के मामले में FMGE क्वालिफाई नहीं कर पाने के बावजूद उनका अंतरिम या स्थायी पंजीकरण करके उन्हें लाइसेंस दे दिया गया।