Bokaro: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) ने कोयला खदानों के गड्ढों को मछली पालन के संपन्न केंद्रों में बदल दिया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और जैव विविधता को बढ़ावा मिला है। कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी सीसीएल कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में मछली पालन की अभिनव पहल कर रही है। सीसीएल की इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय समुदायों को अतिरिक्त आय प्रदान करना और राज्य के मछली उत्पादन में योगदान देना है।
झारखंड में बोकारो ओसीपी मत्स्य परियोजना 4.22 हेक्टेयर में फैली हुई है, जिसमें 27 मछली पिंजरे लगाए गए हैं। सीसीएल की यह परियोजना प्रति वर्ष 81 टन मछली का उत्पादन करती है, जिससे 30 स्थानीय परिवार लाभान्वित होते हैं। पंगेसियस, रोहू, तिलापिया और कतला जैसी मछलियाँ पाली जाती हैं, जो स्थानीय मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ आसपास के समुदायों को आजीविका भी प्रदान कर रही हैं।
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