Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष ने किया बोकारो का दौरा


Bokaro: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष एम वेंकटेशन 26 जून की देर शाम बोकारो पहुँचे. 27 जून को उन्होंने अपराह्न बोकारो स्टील प्लांट (BSL) का दौरा कर प्लांट के कोक ओवन, ब्लास्ट फर्नेस, एसएमएस-2, सीसीएस तथा हॉट स्ट्रिप मिल जैसी प्रमुख इकाइयों का अवलोकन किया.

प्लांट भ्रमण के उपरान्त वेंकटेशन ने बोकारो निवास में बीएसएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में बीएसएल के कार्यकारी निदेशक प्रभारी सी आर महापात्रा, अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) सुरेश रंगानी, अधिशासी निदेशक (एच आर एवं अतिरिक्त प्रभार संकार्य) राजन प्रसाद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी बी करुणामय, मुख्य महाप्रबंधक (एच आर) हरि मोहन झा, मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन) कुंदन कुमार तथा अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

बैठक में बीएसएल में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. बैठक में श्री वेंकटेशन ने बीएसएल में सफाई कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा -निर्देश दिए. बीएसएल के साथ बैठक के अलावा उन्होंने बीपीएससीएल के अधिकारियों के साथ भी अलग से बैठक की. बैठक के उपरान्त श्री वेंकटेशन देर शाम बोकारो से प्रस्थान किए.

सफाई का काम स्थायी प्रकृति का है इसलिए सफाई कर्मचारियो का नियोजन स्थायी हो : शम्भु कुमार

अध्यक्ष, राष्ट्रिय सफाई कर्मचारी आयोग नई दिल्ली के बोकारो दौरे के दौरान बोकारो निवास में सेल एससी – एसटी इम्प्लाज फेडरेशन, बोकारो यूनिट का प्रतिनिधिमंडल ने शम्भु कुमार अध्यक्ष बोकारो यूनिट सह सदस्य फेडरेशन केन्द्रीय कमिटी, नई दिल्ली के नेतृत्व में बोकारो स्टील प्लांट के सफाई कर्मचारियो की समस्याओ पर वार्ता किया।

वार्ता में शम्भु कुमार ने कहा कि सफाई का काम स्थायी प्रकृति का है क्यूंकि सफाई की आवश्यकता नित्य प्रतिदिन होती है। अगर बीएसएल की बात करें तो प्रशासनिक भवन, बोकारो जनरल अस्पताल, नगर प्रशासन विभाग, बोकारो इस्पात सयंत्र के अंदर ईडी बिल्डिंग एवं अन्य विभागो के सैकड़ो कार्यालय में सफाई कर्मचारी रोज कार्य करते हैं, अगर एक दिन भी ये काम न करें तो गंदगी के कारण अन्य कार्य बाधित हो जाएगी।

बीएसएल में जीतने भी सफाई कर्मचारी है वह ठेका कर्मचारी हैं एवं बीएसएल में काम करने के बावजूद मूलभूत सुविधाओ से वंचित हैं। वो झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं जिसके कारण गर्मी, बरसात एवं ठंड के मौसम में उन्हे और उनके परिवार को विभिन्न तरह कि बीमारी पकड़ लेती है और बच्चो के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ता है इसलिए इन्हे मशिक वेतन के साथ मकान किराया भत्ता अलग से मिलना चाहिए


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