Bokaro: बुधवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) एक्ट के तहत जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों में सीसीटीवी अधिष्ठापन और अन्य प्रावधानों पर चर्चा की गई।
सीसीटीवी अधिष्ठापन और जानकारी प्रदर्शित करने का निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों में सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए। एक सप्ताह की समय सीमा देते हुए उन्होंने कहा कि क्लीनिक के बाहर चिकित्सक का नाम और उपस्थिति का समय प्रदर्शित किया जाए। बिना वैध पहचान पत्र के कोई अल्ट्रासाउंड न हो, इसके लिए वैध पहचान पत्रों की सूची क्लीनिक परिसर में प्रदर्शित करने को कहा गया।
पीएमएमवीवाई और पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रचार पर जोर
समिति ने सभी क्लीनिकों के बाहर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) और पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत लिंग जांच अपराध से संबंधित फ्लैक्स लगाने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन को निजी क्लीनिकों के साथ एमओयू करने और एक्ट का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
फॉर्म-एफ की संवीक्षा और निगरानी
बैठक में निर्देश दिया गया कि कोई भी क्लीनिक फॉर्म-एफ में अपूर्ण जानकारी न रखे। यह फॉर्म पूरी तरह से भरा जाना चाहिए और सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा इसे नियमित रूप से जांचा जाएगा। साथ ही, आंगनबाड़ी सेविका द्वारा फॉर्म-एफ की जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई।
पिछले निरीक्षण की समीक्षा
नोडल पदाधिकारी ने बताया कि टीम के प्रयासों से फॉर्म-एफ अब नियमित रूप से भरे जा रहे हैं। समय-समय पर निरीक्षण कर एक्ट का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है।
कार्यशाला और सख्त कार्रवाई के निर्देश
जनवरी में कार्यशाला आयोजित कर एक्ट के प्रावधानों की जानकारी देने की योजना बनाई गई है। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जागरूकता अभियान पर जोर
‘बेटी है वरदान, न करो उसका अपमान’ का संदेश जन-जन तक पहुंचाने की अपील की गई। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत शिकायत करने वालों को इनाम की योजना की भी जानकारी दी गई।
उपस्थित अधिकारी और प्रतिभागी
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी चास सुश्री प्रांजल ढांडा, सिविल सर्जन डॉ. ए. बी. प्रसाद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉ. सुमन गुप्ता, और अन्य अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे।