Bokaro: बोकारो के उपायुक्त (डीसी) अजय नाथ झा ने मंगलवार को जिले में संचालित विभिन्न ब्लड बैंकों — सदर अस्पताल, रेड क्रॉस बोकारो, बोकारो जनरल अस्पताल एवं केएम मेमोरियल अस्पताल — का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने रक्त संग्रहण, भंडारण क्षमता, रखरखाव व्यवस्था, वितरण प्रणाली और सुरक्षा मानकों का बारीकी से अवलोकन किया।
गुणवत्ता और रिकॉर्ड प्रबंधन पर हुई पूछताछ
डीसी ने अधिकारियों से रक्त की गुणवत्ता जांच प्रक्रिया, कोल्ड चेन व्यवस्था, रिकॉर्ड प्रबंधन और ब्लड डोनर रजिस्ट्रेशन की स्थिति की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान रेड क्रॉस बोकारो में अव्यवस्था पाई गई, जिसके बाद उन्होंने तुरंत प्रभाव से डॉ. मैथिली को रेड क्रॉस का प्रभारी नियुक्त किया।

निरीक्षण के बाद महत्वपूर्ण बैठक आयोजित
निरीक्षण उपरांत डीसी झा ने अपने कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. ए. बी. प्रसाद, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एन. पी. सिंह, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह सहित विभिन्न अस्पतालों के प्रतिनिधि और रेड क्रॉस सचिव उपस्थित रहे।
5 दिनों में सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कराने का निर्देश
डीसी ने निर्देश दिया कि जिले के सभी ब्लड बैंक निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का सख्ती से पालन करें। उन्होंने कहा कि अगले 5 दिनों में सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट पूरा कर रिपोर्ट उनके कार्यालय और विभाग को सौंपी जाए।
रेड क्रॉस को हाइटेक ब्लड जांच प्रणाली लागू करने का आदेश
डीसी झा ने रेड क्रॉस बोकारो को रक्तदान और वितरण प्रक्रिया को अधिक तकनीकी और आधुनिक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस ब्लड बैंक और सदर अस्पताल में जल्द से जल्द NAT (Nucleic Acid Testing) मशीन स्थापित की जाए। जब तक मशीन नहीं लगती, तब तक केवल ELISA टेस्ट से ही रक्त जांच की अनुमति होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में रैपिड किट से जांच न की जाए।
मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची प्रदर्शित करने का आदेश
डीसी ने निर्देश दिया कि जिले के सभी निजी और सरकारी मान्यता प्राप्त अस्पतालों की अद्यतन सूची प्रत्येक ब्लड बैंक में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित की जाए। साथ ही, प्रोफेशनल डोनरों की सूची तैयार कर पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया।
थैलेसीमिया बच्चों को नियमित रक्त उपलब्ध कराने का निर्देश
डीसी झा ने सिविल सर्जन डॉ. ए. बी. प्रसाद को आदेश दिया कि जिले के सभी थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की सूची तैयार कर संबंधित ब्लड बैंकों को आवंटित की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को नियमित रक्त उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
निरीक्षण टीम गठित करने का आदेश
डीसी ने सिविल सर्जन को एक विशेष निरीक्षण टीम गठित करने को कहा, जो प्रत्येक सप्ताह किसी एक ब्लड बैंक या मान्यता प्राप्त अस्पताल का औचक निरीक्षण करेगी।रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्रस्तुत की जाएगी ताकि समय रहते सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
रक्तदान में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
बैठक के अंत में डीसी ने कहा कि रक्तदान एक मानवीय कार्य है, लेकिन इसके संचालन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा — “किसी भी परिस्थिति में रक्त की कमी से किसी मरीज का इलाज बाधित नहीं होना चाहिए।” इसके साथ ही, रक्त चढ़ाने से पहले क्रॉस जांच अनिवार्य करने के लिए सिविल सर्जन को एक साधारण प्रपत्र जारी करने के निर्देश दिए गए।

