Bokaro: राज्य के अन्य हिस्सों की तरह, बोकारो में भी चिकित्सकों ने सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा और वैकल्पिक सर्जरी शनिवार को बंद रखा। राजस्थान, दौसा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा के आत्महत्या से आहत बोकारो के सैकड़ो चिकित्सक सड़क पर उतरे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
घटना के विरोध में शनिवार शाम डॉक्टरों ने आईएमए, बोकारो बिल्डिंग में पहले शोक सभा में सम्मलित हुए और फिर वहां से से सेक्टर-4 गांधी चौक तक कैंडल मार्च किया। चिकित्सकों के हाथों में बैनर और पोस्टर था। हड़ताल का आह्वान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने किया था, जिसे यहां के डॉक्टरों का भरपूर समर्थन मिला।
वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी हुई। इस क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल, बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) में ओपीडी सामान्य रूप से काम करता है, जो रोगियों के लिए एक बड़ी राहत थी। बीजीएच को छोड़कर सभी निजी अस्पतालों और सदर अस्पताल में ओपीडी बंद रहे। लक्ष्मी मार्केट, चास और कोआपरेटिव कॉलोनी और नर्सिंग होम में निजी क्लीनिक भी बंद रहे।
बोकारो आईएमए के अध्यक्ष डॉ रणधीर सिंह ने कहा, “हम डॉ अर्चना शर्मा की मौत का विरोध करते हैं। उनपर राजस्थान पुलिस द्वारा कथित चिकित्सा लापरवाही के लिए हत्या का मामला दर्ज किया था, जिससे आहत हो उन्होंने आत्महत्या कर ली। जब तक डॉक्टर अर्चना को साफ नहीं मिलता और उनके कातिलों को सजा नहीं दी जाती है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।”
शहर के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ और आईएमए सदस्य डॉ एल के ठाकुर ने कहा कि, “डॉ. अर्चना को इंसाफ मिलना चाहिए और उनके हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए। झारखंड सरकार को डॉक्टरों और स्वास्थ कर्मियों की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू करना चाहिए”।
बोकारो के मदर केयर की प्रोपराईटर और प्रसिद्ध स्त्रीरोग विशेषज्ञ, डॉक्टर अंजू परेरा ने कहा कि इस घटना से मन काफी दुखी है। हम डॉक्टरों को कई बार इस तरह का बर्ताव और परेशानी झेलनी पड़ती है। इस तरह की घटना दुबारा न हो इसके लिए सरकार को मजबूत कदम उठाना चाहिए। लोगो को समझना चाहिए की कोई भी डॉक्टर मरीज को बचाने के लिए होता है, उसको कष्ट देने या कष्ट में रखने के लिए नहीं। लाख कोशिशों के बावजूद अगर कोई मरीज नहीं बच पाता है तो उसका दुःख डॉक्टर को भी उतना ही होता है जितना उसके अपनों को।
झारखंड स्वास्थ्य राज्य सेवाओं (झासा) के संयुक्त सचिव, डॉ अनिकेत चौधरी ने कहा, “हम डॉ अर्चना की मौत से बहुत निराश हैं। वह रिम्स रांची की पूर्व छात्रा थीं और एक मेधावी छात्रा और एक अच्छी डॉक्टर थीं। मरीज की मौत के लिए उन्हें दोषी ठहराने वाले लोगों को पहले समझना चाहिए की दुनिया में कोई भी डॉक्टर यह नहीं चाहता है की उसकी मरीज की मौत हो जाये। वह उसे बचाने की हर संभव कोशिश करता है। पर कई बार जटिलताएं उनके नियंत्रण में नहीं रहती और मरीज की मौत हो जाती है। हमने इस घटना की कड़ी निंदा की है।”
अर्चना शर्मा की स्मृति में शोक सभा
Bokaro: बोकारो सोसायटी आफ अनेस्थेसीयोलोजिस्ट की पहली वार्षिक बैठक बोकारो क्लब के सभागार में दिनांक १ अप्रैल को संपन्न हुई। बैठक की शुरुआत डॉक्टर अर्चना शर्मा की स्मृति में शोक सभा से की गयी। दिवंगत आत्मा के लिए २ मिनट का मौन रखा गया।
विशेषज्ञों द्वारा इस घटना पर काफ़ी रोष प्रकट किया गया तथा २ अप्रैल को आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं को छोड़ बाक़ी सारी सेवाओं को बंद रखने का निर्णय लिया गया। जैसा कि ज्ञात है की डॉक्टर अर्चना शर्मा झारखंड की बेटी थीं और रिम्स राँची की मेधावी छात्रा थीं।
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पहली बैठक में सर्वसम्मति से नयी कार्यकारिणी का गठन किया गया । इंडीयन सोसायटी आफ ऐनेस्स्थेसीयोलोजिस्ट बोकारो ब्रांच के नए अध्यक्ष के रूप में डॉक्टर गौतम साहा, सचिव डॉक्टर आलोक झा एवं कोषाध्यक्ष के रूप में डॉक्टर अविनाश झा ने कार्यभार ग्रहण किया।
आज के बैठक की अध्यक्षता डॉक्टर सुब्रत डे ने तथा संचालन डॉक्टर सोम ने किया। बैठक में बोकारो शहर के निश्चेतक डॉक्टर अभिजीत दाम, डॉक्टर अजय, डॉक्टर अवनीश श्रीवास्तव, डॉक्टर अनुराग, डॉक्टर राजेश राज, डॉक्टर निधि, डॉक्टर महेंद्र, डॉक्टर द्विवेदी, डॉक्टर सौरभ, गोमिया से डॉक्टर जितेंद्र आदि उपस्थित रहे ।