Bokaro: झारखण्ड के अलग-अलग जिलों में हाल के दिनों में चिकित्सिकों के साथ हुई मारपीट और दुर्व्यवहार की घटना को लेकर बोकारो के डॉक्टरों ने अपने गुस्से का इजहार बुधवार को कार्य का बहिष्कार कर किया। साथ ही डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को लागु करने की मांग भी की। Video नीचे :
रांची में एक आर्थोपेडिक डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और झारखंड हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (JHASA) के तत्वावधान में बुलाए गए बंद का जिले में व्यापक प्रभाव पड़ा।
सदर अस्पताल समेत कई सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं ठप रहीं। प्रदर्शन में स्वयं सिविल सर्जन, बोकारो अभय भूषण प्रसाद भी शामिल हुए। सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने जमकर नारेबाजी की। मरीजों को भारी परेशानी हुई है। Video नीचे :
हालांकि क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) में सामान्य रूप से काम होता रहा, जिससे मरीजों को काफी राहत मिली। बीजीएच का पूरा ओपीडी विभाग संचालित रहा। बीजीएच सेल की एक इकाई है। बीजीएच को छोड़कर केएम मेमोरियल, मुस्कान समेत सभी निजी अस्पतालों के ओपीडी सेवा बंद रही।
डॉक्टरों ने कहा कि वे सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि चाहते हैं कि सरकार का ध्यान इन हमलों की ओर जाए और डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार बंद हो। उन्होंने कुछ उदाहरण दिए जैसे कि डीडीसी के अंगरक्षक ने हजारीबाग में एक डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया जाना। रांची के डॉक्टर के साथ उनके घर में मारपीट की गई। हाल ही में पेटरवार में डॉक्टरों पर हमले की कोशिश हुई पर पुलिसवाले सही वक़्त पर आकर उन्हें बचा लिए।
बोकारो के सिविल सर्जन डॉ. अभय भूषण प्रसाद ने कहा कि डॉक्टरो के साथ लोग लगातार मारपीट और बदसलूकी कर रहे हैं। एक महीने में करीब 10 वारदातें सामने आ चुकी हैं। ऐसे में सरकार को मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने पर ध्यान देना चाहिए। Video नीचे :
Video: – Bokaro के अस्पतालों में दिखा डॉक्टरों की हड़ताल का असर, OPD ठप, सिविल सर्जन भी प्रदर्शन में शामिल