Bokaro: चंदनक्यारी थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर राष्ट्रीयकृत बैंक की फर्जी शाखा चलाने वाले ठग गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने रविवार को गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया। नकली बैंक शाखा से बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा खाता खोलने के फॉर्म, लक्ष्मी लाडली योजना से संबंधित मुहर सहित दस्तावेज और फाइलें बरामद की गईं है।
चंदनक्यारी थाना प्रभारी चंचल कुमार ने बताया कि पुलिस ने पहले मुख्य चंदनक्यारी चौक स्थित दत्ता काम्प्लेक्स में चल रहे फर्जी बैंक शाखा में छापेमारी कर रहे एक कर्मचारी कुंदन तिवारी को गिरफ्तार किया। वह चास का रहने वाला है। उसके बयान के आधार पर, पुलिस ने बोकारो शहर के सेक्टर -12 इलाके में छापेमारी की और वरुण कुमार को गिरफ्तार किया।
उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ), चास, पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि गिरोह ने जिस बिल्डिंग में फर्जी बैंक खोला था उसी के मकान मालिक ने चल रहे फर्जीवाड़े की सुचना पुलिस को दी। गिरोह का मास्टरमाइंड दिलीप महतो है। उसी ने 10 अगस्त को संपत्ति किराए पर ली थी।
मकान मालिक ने पुलिस को बताया है कि दिलीप महतो ने बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा खोलने के लिए उनके बिल्डिंग का हिस्सा 15,000 रुपये प्रति माह के किराए पर लिया था। दिलीप खुद को शाखा प्रबंधक कहता था। हर दिन दो चार पहिया वाहनों में आठ से दस लोग अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम पर आते थे।
जब मकान मालिक ने दिलीप महतो से रेंट एग्रीमेंट करने के लिए जोर दिया, तो वह टाल मटोल करने लगा। दिलीप ने कुछ दिन तक इंतजार करने का अनुरोध किया। मलान मालिक ने बैंक ऑफ़ इंडिया के मेंन ब्रांच में जाकर जब पता किया तो पाया की उसके परिसर में खोले गए ब्रांच की कोई सुचना अदिकारियों को नहीं है।
इधर दिलीप ने कार्यालय में काम शुरू कर दिया था। क्षेत्र के स्कूली छात्रों का बैंक खाता फार्म भरने के अलावा लक्ष्मी लाडली योजना से संबंधित फार्म भी भरा जा रहा था। पुलिस कि जांच के दौरान पता चला है कि गिरोह के सदस्य सरकारी स्कूलों में भी गए थे और सरकारी योजना के तहत बच्चों के बैंक खाते खोलने के लिए प्रधानाध्यापकों को अपने विश्वास में लिया है।
गिरफ्तार किए गए कुंदन ने पुलिस को बताया कि दिलीप महतो ने उसे यहां 14,000 रुपये प्रति माह के वेतन पर 6000 रुपये की रिश्वत देकर नौकरी दी थी। उसे उसने क्लर्क बना दिया था। वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। वह इस धोखाघड़ी से अनिभिज्ञ था।
बताया जा रहा है कि मकान मालिक की सतर्कता और चंदनक्यारी पुलिस की समय पर कार्रवाई से क्षेत्र के सैकड़ों छात्र और ग्रामीण ठगी का शिकार होने से बच गए। पुलिस अन्य आरोपितों की तलाश में छापेमारी कर रही है।