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Bokaro में रहने के लिए आवास ढूंढ़ना पुलिसवालो के लिए कोई चुनौती से कम नहीं, एसपी ने निकाला यह उपाय..


Bokaro: लोकसभा चुनाव के पहले सरकारी विभागों में जोरशोर से ट्रांसफर-पोस्टिंग की जा रही है। पुराने लोग जा रहे नए आ रहे है। बदल कर आ रहे नए अधिकारियों और कर्मियों के रहने के लिए आवास ढूंढ़ना एक समस्या है।

खासतौर पर पुलिसवालो को आवास ढूंढ़ना, वह भी इस औधोगिक और शैक्षणिक नगरी बोकारो में, किसी चुनौती से कम नहीं है। सुविधा से भरपूर इस शहर में एक बार आने के बाद कोई भी जाना नहीं चाहता। इस ज़िले में सेवा दे चुके पुराने पुलिसवाले भी यहां से बाहर ट्रांसफर होने के बाद सरकारी आवासों को नहीं छोड़ना चाहते। जो अब बड़ी समस्या बन गई है।

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बोकारो पुलिस विभाग में दूसरे ज़िलों से ट्रांसफर होकर आये पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को आवास मिलने में काफी दिक्कत हो रही है। यहां से जा चुके पुलिस अधिकारी और कर्मी पुलिस पूल के आवास को खाली नहीं कर रहे। उन्हें खाली करने की सख्त हिदायत दी गई है। एस पी बोकारो प्रियदर्शी अलोक ने पुलिसवालो की आवास से जुड़ी समस्या को गंभीरता से लिया है।

बता दें कि, सेक्टर 12 पुलिस लाइन के आलावा, पुलिस विभाग ने बोकारो स्टील प्लांट (BSL) से शहर के विभिन्न सेक्टरों में विभिन्न श्रेणी के 430 क्वार्टर किराये पर लिए है। जो एसपी के आदेश पर रैंक अनुसार पुलिस कर्मियों को अलॉट किये गए है। बताया जा रहा है कि इन क्वार्टरों में से बहुत से वैसे भी पुलिसकर्मी रह रहे है, जिनका सालो पहले दूसरे ज़िले में ट्रांसफर हो गया। वह न रेंट दे रहे है ना ही बिजली बिल। जिस कारण बीएसएल पर पुलिस विभाग का करोड़ो रुपया बकाया हो गया है।

आवास की समस्या से जूझ रहे ज़िले में आये नए पुलिस अधिकारी और कर्मी एसपी बोकारो से आवास अलॉटमेंट का अनुरोध कर रहे है। एसपी बोकारो ने कहा है कि “पुलिस पूल के क्वार्टर खाली कराये जाने को लेकर हमने सख्त कदम उठाये है। पुलिस पूल में जो आवास अलॉट किया गया है, उनको यहां से ट्रांसफर होने के बाद अगर पुलिसकर्मी खाली नहीं करते। तो उनको Lay Pay Certificate (LPC) नहीं दिया जायेगा।”

इन सबके बीच घर की तालाश में एक पुलिसकर्मी ने सेक्टर 1 C में खाली पड़े एक बीएसएल क्वार्टर में घुसकर रहना चाहा पर सफल नहीं हो पाया। बीएसएल की टीम ने जाकर उसे खाली करा दिया। बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन मणिकांत धान ने कहा कि एक बी टाइप क्वार्टर एक पुलिस कर्मी द्वारा अनाधिकृत रूप से कब्जा किया जा रहा था। सूचना मिलने पर, जीएम आलोक चावला के नेतृत्व में बीएसएल टाउन प्रशासन विभाग की टीम ने बलपूर्वक कब्जे के प्रयास को रोकने की कोशिश की।


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