Bokaro: बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (BPSCL) का ऐश पोंड क्षेत्र स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण एक बार फिर सुर्खियों में है, जो पिछले डेढ़ महीने से फ्लाई ऐश के उठाव को रोके हुए हैं।
आंदोलनकारी मुआवजे और रोजगार की मांग कर रहे हैं, और उनके विरोध ने संभावित ऐश पोंड से बहाव की चिंता बढ़ा दी है, जिससे आस-पास के इलाके खतरे में पड़ गए हैं। बीपीएससीएल में सालाना लगभग 5 लाख टन फ्लाई ऐश और बॉटम ऐश दोनों का उत्पादन होता है। पिछले डेढ़ महीने से फ्लाई ऐश का लिफ्टिंग एंड शिफ्टिंग बंद है। लगातार पोंड में फ्लाई ऐश डंप होने से बाहर छलकने का प्रेशर बढ़ रहा है।
पिछला तटबंध टूटना और बाढ़-
बीपीएससीएल में यह मुद्दा कोई नया नहीं है, क्योंकि 2022 में दो बार तटबंध टूट गया था, जिससे राउतडीह गांव में छह महीने के अंतराल में दो बार बाढ़ आई थी, जिसके कारण निवासियों को अपने घरों से भागना पड़ा था। उनके घरों में पानी भर गया था। राउतडीह बीपीएससीएल के ऐश तालाब के निकट स्थित है।
आंदोलनकारी प्रदूषण और नौकरी की मांग कर रहे हैं-
बीपीएससीएल के ऐश पोंड में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने वाले आंदोलनकारियों ने दावा किया कि महुआर, चैताताड़, चिताही, कंचनपुर, महेशपुर, पिपराताड़, राउतडीह सहित लगभग सात गाँव प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। हवा में उड़ कर फ्लाई ऐश उनके घरों तक पहुँच रही है। जिससे पूरा इलाका प्रदूषित हो रहा है। उनलोगो को स्वस्थ सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सीईओ व एसडीओ ने मामले पर दी प्रतिक्रिया-
बीपीएससीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अनिंदा दास ने कहा, “15 मार्च से स्थानीय आंदोलनकारियों द्वारा फ्लाई ऐश के लिफ्टिंग और शिफ्टिंग को रोक दिया गया है। हमने जिला प्रशासन से संपर्क किया है। उन्होंने हमें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।”
एसडीओ ने कहा कि बीपीएससीएल प्रबंधन ने जहां फ्लाई ऐश उठाने का काम बंद करने की सूचना दी है, आंदोलनकारी फ्लाई ऐश से होने वाले प्रदूषण के कारण हो रही कठिनाइयों और नौकरी-मुआवजा प्रदान करने में कंपनी की अनदेखी की शिकायत कर रहे हैं।
इस बीच, एसडीओ, दिलीप सिंह शेखावत ने कहा कि, “बीपीएससीएल ऐश डंपिंग साइट का आज संयुक्त क्षेत्र निरीक्षण (joint inspection) कार्यकारी मजिस्ट्रेट, डीएसपी और स्थानीय थाना प्रभारी की टीम द्वारा किया गया। टीम सोमवार को निरीक्षण रिपोर्ट जमा करेगी, जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
मुआवजा और रोजगार की मांग-
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रघुनाथ महतो ने बीपीएससीएल पर स्थानीय निवासियों को रोजगार नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिनकी पैतृक भूमि बीएसएल द्वारा संयंत्र स्थापित करने के लिए अधिग्रहित की गई है। उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है। एहि नहीं, नई रोजगार योजना के अनुसार, बीपीएससीएल स्थानीय युवाओं को 75% रोजगार भी नहीं दे रहा है। ऐश पोंड की परिधि में स्थित सात गाँव हवा में बहने वाली सूखी फ्लाई ऐश से बुरी तरह प्रदूषित हो रहे हैं, जिसकी भी अनदेखी की जा रही है।
फ्लाई ऐश के उपयोग में बीपीएससीएल के प्रयास-
बीपीएससीएल की स्थापना 2001 में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) और दामोदर घाटी निगम (DVC) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में हुई थी। यह बिजली और भाप उत्पादन में लगा हुआ है और सेल के बोकारो स्टील प्लांट (BSL) को आपूर्ति करता है। बीपीएससीएल ने सड़क निर्माण गतिविधियों में फ्लाई ऐश का उपयोग करने, ईंट निर्माण इकाइयों को आपूर्ति करने, निचले इलाकों की बैकफिलिंग, खसखस घास के साथ पुरानी राख के जैव-स्थिरीकरण आदि का दावा किया।