Bokaro: कुछ दिनों पहले सिविल सर्जन द्वारा सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक को हटाए जाने का मामला राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता तक पहुंच गया है। मंत्री ने इसपर संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में अस्पताल प्रबंधक को हटाए जाने के निर्णय का कारण पूछा गया है।
उपायुक्त-सह-अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति के आदेश पर जिला महामारी पदाधिकारी पवन कुमार श्रीवास्तव को इसी साल अप्रैल में सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। उस समय कोविड -19 की दूसरी लहर कहर भरपा रही थी और सदर अस्पताल में स्वास्थ व्यवस्था मजबूत करने की जरुरत थी।
लेकिन इसी 18 दिसंबर को सिविल सर्जन जितेंद्र कुमार सिंह ने उन्हें वहां से हटा दिया। डीसी के आदेश पर तैनात एक अधिकारी को सिविल सर्जन द्वारा हटाया जाना चर्चा का विषय बन गया है। इसी बात ने स्वास्थ मंत्री का ध्यान सबसे ज्यादा खींचा है। स्वास्थ्य मंत्री के कानो तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने गुरुवार को सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
नोटिस में कहा गया है कि “पवन कुमार श्रीवास्तव को अस्पातल प्रबंधक के पद से मुक्त कर दिया गया है। उक्त कृत प्रशासनिक दृष्टिकोण से उचित प्रतीत नहीं होता है अतएव स्पष्ट करे कि उपायुक्त के द्वारा निर्गत आदेश को किस परिस्थिति में रद्द किया गया।” कारण बताओ नोटिस में यह भी उल्लेख कर सिविल सर्जन से पूछा गया है कि “क्या उक्त पर उपायुक्त की सहमति प्राप्त की गई। अस्पताल प्रबंधक जैसे महत्वपूर्ण पद को क्यों रिक्त रखा गया । तत्काल उक्त के संबंध में स्पष्टीकरण दे।”
सिविल सर्जन ने कहा कि “मैंने कारण बताओ के संबंध में जवाब भेज दिया है। श्रीवास्तव को एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) के तहत जिला महामारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। इस महामारी के समय उनकी काफी जरुरत है। उन्हें सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, जिससे आईडीएसपी का काम प्रभावित हो रहा था। यह देखकर मैंने उन्हें अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया। आदेश जारी करने से पहले डीसी साहब से मौखिक आदेश मैंने लिया था”।