Bokaro: झारखंड सरकार ने सहारा इंडिया में निवेश किए गए पैसे का मुआवजा पाने वालों की पहचान करने के लिए रविवार को एक हेल्पलाइन (112) शुरू की है।
भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य विधानसभा में सहारा इंडिया घोटाले के बारे में सवाल उठाया था, जिसमें कहा गया था कि झारखंड के गरीब लोगों ने सहारा समूह की योजनाओं के साथ लगभग 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है और अब अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
जायसवाल ने पीड़ितों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने की मांग की थी। इसके बाद, राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में जवाब दिया था कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और पीड़ितों की मदद करने की दिशा में काम करेंगे। हेल्पलाइन की शुरुआत करना उस दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
बोकारो विधायक और भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री और सेबी अध्यक्ष को पत्र लिखकर सहारा इंडिया कंपनी के कर्मचारियों और एजेंटो के दर्द को बताते हुए इस मुद्दे को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। सहारा के अधिकारियों ने विधायक को मिलकर बताया था कि सेबी के पास सहारा इंडिया के 24,000 करोड़ रुपये पड़े हैं।
सहारा इंडिया के बोकारो डिवीजनल प्रमुख एस झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सहारा-सेबी विवाद को सुलझाने में मदद करने के लिए विधायक को एक ज्ञापन सौंपा है। झा ने बताया कि यह विवाद पिछले 10 साल से लंबित है। इसके चलते बोकारो क्षेत्र के जमाकर्ता सहारा इंडिया के कार्यालयों व फील्ड कर्मियों पर भुगतान के लिए तरह-तरह के दबाव बना रहे हैं। झा ने विधायक को कहा कि, ”सहारा इंडिया के कर्मचारियों के बीच डर का माहौल है।”
ज्ञात हो कि 15 नवंबर, 2021 को को गोमिया में सहारा इंडिया के एजेंट गणेश नोनिया ने आत्महत्या कर ली थी। वह 20 साल से सहारा इंडिया के लिए काम कर रहे थे। नोनिया ने सहारा इंडिया में कस्बे के कई नागरिकों का पैसा लगवाया था, कंपनी निवेशकों को पैसा नहीं दे रही थी जिसके चलते जमाकर्ता लगातार नोनिया पर दबाव बना रहे थे।