Bokaro: भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ताकत में इजाफा करने में सेल-बीएसएल (SAIL) ने फिर अहम् योगदान दिया है। रविवार को दक्षिणी नौसेना कमान में लॉन्च किये गये सर्वे वेसल्स ‘इक्षक’ (IKSHAK) में बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) का दमदार स्टील लगा है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने भारतीय नौसेना के लिए निर्मित सर्वेक्षण पोत ‘इक्षक’ के भारत के स्वदेशी तीसरे जहाज के लिए 1200 टन विशेष स्टील की आपूर्ति की है। इस पोत को सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित डीएमआर 249-ए इस्पात से बनाया गया है। बोकारो ने 1000 मिलियन टन डीएमआर एचआर शीट्स और प्लेट्स कि आपूर्ति की है। बीएसएल कर्मियों खासतौर पर एसएमएस-2 और हॉट स्ट्रिप मिल के कामगारों के लिए यह गर्व की बात है। उनके बनाये गए स्टील से आज नौसेना की ताकत बढ़ा रही है। बताया जा रहा है कि ग्लोबल स्टील मार्केट में इन दिनों बीएसएल के स्टील उत्पाद की तूती बोल रही है।
दरअसल, रविवार को चेन्नई के कट्टुपल्ली में दक्षिणी नौसेना कमान में सर्वे वेसल्स ‘इक्षक’ (IKSHAK) को लॉन्च किया गया। भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे चार बड़े सर्वेक्षण पोत के प्रोजेक्ट के तीसरे पोत ‘इक्षक’ की लॉन्चिंग मील का एक पत्थर साबित होगी। फ्लाइंग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एमए हम्पीहोली की उपस्थिति में यह लांच किया गया। इस जहाज ने 10.40 बजे बंगाल की खाड़ी में जलावतरण किया।
सर्वे वेसल्स ‘इक्षक’ (IKSHAK) के नौसेना में शामिल होने के बाद समुद्री सुरक्षा की निगरानी में काफी मदद मिलेगी। साथ ही नौसेना की ताकत बढ़ाने वाला यह जहाज रक्षा तैयारियों को और मजबूती प्रदान करेगा। स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित यह जहाज मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप बनाया गया है।
‘इक्षक’ नाम का यह पोत सर्वे वेसल लार्ज (Survey Vessel Large – SVL) परियोजना के तहत बनाए जा रहे चार जहाजों की श्रृंखला में तीसरा है। इसे भारतीय शिपबिल्डर गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स और एल एंड टी ने मिलकर बनाया है। गौरतलब है कि इस श्रंखला का पहला बड़ा सर्वे पोत संध्याक था। जिसे बीते साल दिसंबर माह में लॉन्च किया गया था। इन सभी पोतों के पतवार स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित डीएमआर 249-ए इस्पात से बनाया गया है।
क्यों इतना मजबूत है सेल-बीएसएल (SAIL-BSL) निर्मित DMR -249 A
बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के स्टील मेल्टिंग शॉप 2 और हॉट स्ट्रिप मिल , में भारतीय नौसेना द्वारा सामरिक अनुप्रयोगों के लिए निम्न कार्बन -निम्न मिश्रित स्टील, DMR 249A विकसित किया जाता है। DMR 249A ग्रेड में “हेयर लाइन क्रैक्स” जैसी हानिकारक चीज़ो से बचने के लिए अंतिम उत्पाद में हाइड्रोजन <2 पीपीएम की निर्दिष्ट गैस सामग्री होती है।
इसके लिए तरल स्टील में हाइड्रोजन की मात्रा 3 पीपीएम से कम होनी चाहिए और इसके लिए स्टील के वैक्यूम ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। बीएसएल (BSL) के एसएमएस 2 में डीगैसिंग यूनिट के अभाव में, डीएमआर 249ए स्टील का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। इसे बोकारो स्टील प्लांट में मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ विभिन्न मिश्र धातु तत्वों के साथ उत्पादित किया गया। साथ ही वांछित उपज शक्ति, स्ट्रेंथ और गैसीय सामग्री प्राप्त करने के लिए उपयुक्त रूप से संसाधित किया गया।
DMR 249 A के यांत्रिक गुणों और माइक्रोस्ट्रक्चर में उच्च स्तर की स्थिरता की उपलब्धि को सक्षम करने के लिए स्टील बनाने और हॉट स्ट्रिप रोलिंग के विभिन्न चरणों में नियंत्रण का प्रयोग किया गया था। वैक्यूम डिगैसर यूनिट के बिना गुणवत्ता पूर्ति एक बड़ी चुनौती थी लेकिन बोकारो ने 100% ग्राहकों की संतुष्टि के साथ सफलतापूर्वक स्टील का निर्माण किया।
सेल ने दिया सर्वेक्षण पोत ‘इक्षक’ के लिए 1200 टन विशेष स्टील
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने भारतीय नौसेना के लिए निर्मित सर्वेक्षण पोत ‘इक्षक’ के भारत के स्वदेशी तीसरे जहाज के लिए 1200 टन विशेष स्टील की आपूर्ति की है। सेल द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले स्टील में डीएमआर 249ए ग्रेड एचआर शीट्स और प्लेट्स शामिल हैं।
स्टील की पूरी मात्रा की आपूर्ति सेल के बोकारो और भिलाई इस्पात संयंत्रों से की गई है। लगभग। बोकारो से 1000 मिलियन टन एचआर शीट्स और प्लेट्स और भिलाई से लगभग 200 मिलियन टन प्लेट्स की आपूर्ति की गई। यह भारत के ”आत्मनिर्भर भारत” मिशन में पर्याप्त योगदान देने और आयात प्रतिस्थापन की दिशा में देश के प्रयासों को मजबूत करने के लिए सेल के निरंतर प्रयासों का एक और गौरवशाली अध्याय है। –
बोकारो ऑफिसर स्टील एसोसिएशन (BSOA) के प्रेजिडेंट, ए के सिंह ने अधिकारियो और कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पुरे बीएसएल के लिए गर्व कि बात है।
(एसवीएल) प्रोजेक्ट में से तीसरा है ‘इक्षक’
एसवीएल जहाज समुद्र संबंधी डेटा एकत्र करने के लिए मौजूदा संधायक क्लास के सर्वेक्षण जहाजों को नई पीढ़ी के हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से परिवर्तित कर देंगे। सर्वेक्षण पोत (लार्ज) जहाज 3400 टन की क्षमता के साथ 110 मीटर लंबा, 16 मीटर चौड़ा और 231 कर्मियों की सुविधाओं वाला जहाज है। इस जहाज की प्रणोदन प्रणाली में ट्विन शाफ़्ट कॉन्फ़िगुरेशन में दो मुख्य इंजन होते हैं और इसे 14 समुद्री मील की क्रूज गति और 18 समुद्री मील की अधिकतम गति के साथ डिजाइन किया गया है। उथले जल में कम गति में बेहतर संचालन के लिए बो एंड स्टर्न थ्रस्टर्स की मदद ली गई है। इन जहाजों का हल स्वदेशी रूप से विकसित डीएमआर 249-ए स्टील से बना है जो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित है।
आपात स्थिति में यह पोत बन जायेंगे अस्पताल
बताया जा रहा है कि चार सर्वेक्षण मोटर नौकाओं और एक एकीकृत हेलीकॉप्टर को ले जाने की क्षमता के साथ इन पोतों की प्राथमिक भूमिका पत्तनों व नौवहन चैनलों के पूर्ण पैमाने पर तटीय और गहरे जल के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की होगी। रक्षा के साथ-साथ नागरिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा एकत्र करने के लिए भी पोतों को तैनात किया जाएगा। वहीं, आपात स्थिति के दौरान पोतों को अस्पताल के रूप में उपयोग करने के अलावा नकी द्वितीयक भूमिका सीमित रक्षा प्रदान करने में सक्षम होना है।