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Bokaro: और धारदार होते जा रहा है धनघरी गांव में उपजा विस्थापित आंदोलन, मलबे में टेंट लगा दे रहे धरना


Bokaro: रात में पड़ रही बेजोड़ ठण्ड के बावजूद, 16 घरो के 25 परिवारों के समर्थन में चल रहे अनिश्चितकालीन धरने की धार समय के साथ और तेज होते जा रही है। जिला प्रसाशन के सहयोग से रेलवे द्वारा ट्रैक दोहरीकरण करने को लेकर धनघरी गांव मे ढहाए गए मकानों से उपजा विस्थापितों का आक्रोश शांत होता नहीं दिख रहा है।

बता दें, बोकारो टाउनशिप के सेक्टर 9 के पीछे स्तिथ धनघरी गांव धीरे-धीरे विस्थापित आंदोलन का एपिसेंटर (केंद्र) बनता जा रहा है। आज से करीब 65 दिन पहले प्रसाशन ने 16 मकानों को अतिक्रमण बताते हुए ढहा दिया था। जिसके बाद उसमे रहनेवाले लोग सड़क पर टेंट लगाकर धरना दे रहे है। उनको गावोंवालो का भरपूर समर्थन मिल रहा है। तोड़े गए मकानों का मलबा वैसे ही पड़ा हुआ है।जिला प्रसाशन का मानना है कि कई बार नोटिस देने के बावजूद 16 घरो में रहने वाले परिवारों ने मकान खाली नहीं किया। जिसको लेकर उनको हटाया गया है। हटाए गए मकान रेलवे के चल रहे ट्रैक दोहरीकरण में बाधक बन रहे थे। मकान ढहने के बाद परिवार मुआवजा और पुनर्निवास आदि की मांग को लेकर अड़ा हुआ है। बोकारो ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा परिवारों के द्वारा तोड़े गये मलवे पर अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है।

मोर्चा के अरविंद कुमार ने बताया कि इस मुद्दे पर 4 दिसम्बर 2022, दिन -रविवार को बैधमारा जक्शान मे एक विशाल आम का आयोजन किया गया है। जिसमे बगोदर के विधायक विनोद सिंह, निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी सहित अन्य जल, जंगल के लडा़ई लड़ रहे लोग उपस्थित होंगे। कार्यक्रम को लेकर बोकारो ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा द्वारा रैयती गांव कुंडौरी मे चादर फैला कर सहयोग मांगा गया। ग्रामीणो ने भी सहयोग चावल, दाल, आलू, पैसे देकर सहयोग किया।

विस्थापित इस बात से बौखलाया हुए है कि रेलवे ने उन्हें अतिक्रमणकारी कहा। विस्थापितों ने रेलवे से मांग कि है की उनके पास उस जमीन का मालिकाना हक प्राप्त है तो पेपर दिखावे। अन्यथा रेलवे को जमीन की अगर आवश्यकता है तो नये भूमि अधिग्रहण 2013 के तहत नोटिफिकेशन निकालकर उनकी जमीन ले। वह लोग देश के विकास के विरोधी नही है, जमींन देने के लिए तैयार है।

अरबिंद ने कहा कि धनघरी के अलावा 20 मौजा के खाली पड़ी जमीन वापस हो चुकी है। जिस तरह रानीपोखर के जमीन को वापस किया गया है उसी के आधार के तहत। 20 मौजा के ग्रामीण अब खुद जमीन के मालिक है।

इस जनसंपर्क सह सहयोग उठाने के क्रम मे अरबिंद कुमार, राकेश कुमार मंडल,विजय कुमार,कम्मालुदीन अंसारी,कयुम अंसारी, फिरोज, अशोक राय, विनोद राय, संतोष सिंह, साहेबजन,अशगद,आजाद, जिलानी, मेराज, ढुल्लू, मुजाहिद, मुन्ना, सोनु, बाबू, जिआउल इत्यादि उपस्थित रहे। 


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