Bokaro: वन्यजीव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बोकारो वन विभाग ने तीन पूजा दुकानों समेत पांच स्थानों में छापेमारी कर लाखो रूपये की अवैध वन्यजीव ट्रॉफियां बरामद की है। इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। Video नीचे
गुप्त सूचना पर छापेमारी की योजना और कार्यवाही
डीएफओ, बोकारो, राजनिश कुमार ने कहा, “गुप्त जानकारी के आधार पर, वन विभाग के प्रशिक्षु अधिकारी संदीप करभारी शिंदे ने अपनी टीम के साथ मिलकर छापेमारी की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।
डीएफओ की चेतावनी: काले जादू के झांसे में न आएं
इस अभियान में चास और पेटरवार समेत कई क्षेत्रों को लक्षित किया गया, जिसमें तकरीबन 120 हथाजोड़ी (गोह प्राणी का लिंग), हाथी तथा सियार की हड्डियाँ, कस्तुरी, विभिन्न प्राणी की चमड़ी तथा Porcupine के काँटे जप्त की गई। ये सामान मुख्य रूप से पूजा की दुकानों में पाया गया, जो अक्सर काले जादू के अनुष्ठानों में उपयोग किए जाते हैं।”
डीएफओ ने कहा कि “मॉनिटर लिज़ार्ड, जो कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत एक अनुसूची-I प्रजाति है, जिसकी शिकार करके उसके लिंग से हथाजोड़ी बनाई जाती है, जिसे लोग एक पेड़ का जड़ीबूटी मानते है, लेकिन वास्तविकता में वह एक प्राणी का अंग है।”
डीएफओ की चेतावनी: काले जादू के झांसे में न आएं
डीएफओ ने आम नागरिको को इसके बारे में जागरूक करते हुए यह विनती भी की है कि ऐसे कालेजादू के बहकावे में ना आए और इस हथाजोड़ी की लेन-देन खरीद-फरोक्त में भाग ना लें। उन्होंने सारे ही पूजा भंडारो को भी यह सूचना दी है कि आप इसके खरीद-फरोक्त में ना आए। अगर आपको इसके बारे में जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना तुरन्त बोकारो वन प्रमण्डल को दें। Video:
पहली बार बोकारो में मिली हथाजोड़ी, संगीन वन्यजीव अपराध
उक्त हथाजोड़ी से संबंधित मामला बोकारो प्रमण्डल में पहली बार पाया गया है और यह एक संगीन तरह का वन्यजीव अपराध है, जिससे पर्यावरण के संतुलन में काफी हानि हो सकती है। उक्त वन्यजीव अपराध में लिप्त गिरोह का पर्दाफाश करने में श्री रूद्र प्रताप सिंह, प्रभारी वनपाल, श्री रतन राय, वनरक्षी एवं श्री भगवान दास हेम्ब्रम, वनरक्षी, की मुख्य भूमिका रही।