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RTE से जुड़े मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बोकारो डीसी को किया शो-कॉज


Bokaro: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बोकारो के निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के उल्लंघन की शिकायत के संबंध में उपायुक्त कुलदीप चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

बताया गया कि, फरवरी में, बोकारो के प्राइवेट स्कूलों से जुड़े RTE की एक शिकायत का संज्ञान आयोग ने लिया और जांच बैठा दी। आयोग द्वारा जाँच के क्रम में डीसी को आवश्यक रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया पर उसका अनुपालन नहीं हुआ। जिसके बाद आयोग ने बोकारो डीसी को शो-कॉज किया है।

बताया जा रहा है कि झारखंड अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र राय ने आयोग को निजी स्कूलों के आरटीई अधिनियम के उल्लंघन के संबंध में शिकायत दर्ज किया था। अभिभावक संघ ने आरोप लगाते हुए आयोग को लिखा था कि बोकारो में 40 निजी स्कूल हैं, जिन्हें आरटीई अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के (25 %) सीट में 3500 छात्रों का प्रवेश लेना है। पर शिक्षा विभाग ने केवल 510 छात्रों का ही चयन किया।

साथ ही निजी स्कूलों के पक्ष में शिक्षा विभाग ने चयनित बच्चों के अभिभावकों को 15 दिनों के भीतर उनका आय प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया। जो 30-40 दिनों से पहले प्राप्त करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया था कि बोकारो जिला आरटीई समिति में पांच सदस्य हैं। सदस्यों में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी, जिला कल्याण अधिकारी, जिला जनसंपर्क अधिकारी और एक निजी स्कूल के प्राचार्य शामिल हैं।

शिकायतकर्ता ने आयोग को यह भी लिखा था कि आरटीई कमेटी के सदस्य सरकारी अधिकारियों के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इसलिए वे निजी स्कूलों का पक्ष करते हैं।

फरवरी, 2022 को मिली शिकायत पर आयोग ने संज्ञान लिया और मामले की जांच शुरू की। डीसी से जानकारी मांगी। लेकिन बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी आयोग को डीसी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। जिसपर आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने डीसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में डीसी को उक्त मामले में तत्काल कार्रवाई करने और इस पत्र की प्राप्ति के 20 दिनों के भीतर आयोग को सभी आवश्यक रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इसमें विफल रहने पर आयोग समन कार्यवाही शुरू करेगा।

बता दें, इससे पहले 5 मई को शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूल के नामांकन रजिस्टरों की जांच की जा रही है। इस मामले को लेकर सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को आरटीई सेल के जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई)-सह-नोडल अधिकारी की ओर से पत्र भेजा गया है।

राज्य परियोजना निदेशक, रांची ने निर्देश दिए कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए स्कूलों के नामांकन रिकॉर्ड की जांच की जाए। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे शिक्षा विभाग को इनरोलमेंट रजिस्टर उपलब्ध कराएं। रजिस्टर की समीक्षा से आरटीई में गरीब बच्चों के नामांकन को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी। गरीब बच्चों को बहाने बना कर मना करने वाले निजी स्कूलों को अपना स्टैंड स्पष्ट करना होगा।

डीसी ने कहा – “मैंने जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.”


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