Bokaro: 76 वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) में इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए एक नई सुविधा इंट्रा यूटरिन इनसेमिनेशन एंड एंड्रोलॉजी लैब का उद्घाटन हुआ। बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के निदेशक प्रभारी, अमरेंदु प्रकाश ने इस आधुनिक लैब का उद्घाटन किया।
बताया जा रहा है कि बीजीएच में इस लैब के शुरू होने से कृत्रिम गर्भाधान जो बांझपन के इलाज की एक प्रक्रिया है उसको मजबूती मिलेगी। इस प्रक्रिया के अंतर्गत शुक्राणु सीधे गर्भाशय में रखे जाते हैं। अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान का अपेक्षित परिणाम शुक्राणु के फैलोपियन ट्यूब में तैरने और एक प्रतीक्षा अंडे को निषेचित करने के लिए होता है, जिसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था होती है।
बांझपन के कारणों के आधार पर, सामान्य चक्र या प्रजनन दवाओं के साथ समन्वित किया जा सकता है। आईयूआई और ओव्यूलेशन इंडक्शन के साथ गर्भावस्था की संभावना लगभग 10% -15% प्रति ट्रीटमेंट साइकिल है।
डॉक्टर ने बताया कि महिला की गर्भावस्था की दर उसकी उम्र पर निर्भर करती है। बढ़ती उम्र के साथ प्रजनन क्षमता और समग्र गर्भावस्था दर में स्पष्ट गिरावट आती है, खासकर 35 साल के बाद। गर्भावस्था की दर बांझपन के कारण पर भी निर्भर करती है। अस्पष्ट बांझपन या पुरुष कारक से संबंधित बांझपन की तुलना में नियमित रूप से ओव्यूलेट नहीं करने पर यह प्रक्रिया अधिक सफल होता है।
कार्यक्रम में ईडी, पर्सनल एंड एडमिन, संजय कुमार, एडिशनल सीएमओ, अनिन्दा मंडल, आनंद कुमार और श्रवण कुमार सहित डॉ वर्षा गानेकर, डॉ आशा और डॉ एनिमा केरकट्टा अन्य मौजूद थे।
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