Bokaro: ज़िले में वर्ष 2023 का पहला पर्व लोहड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने एक जगह इक्ट्ठा होकर लोहड़ी जलाई और एक-दूसरे को इस पर्व की शुभकामनाएं दीं।
लोहड़ी के शुभ पर्व पर गुरु गोबिंद सिंह एजुकेशनल सोसायटीज़ टेक्निकल कैंपस, काण्ड्रा चास में भव्य उत्सव का आयोजन किया गया। इस उत्सव में संस्थान के सभी स्कूलों व कालेज ने शिरकत की।
गुरु गोबिंद सिंह एजुकेशनल सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ संध्या 5:30 बजे हुआ। संस्थान के सदस्यगण, सचिव सुरेंद्र पाल सिंह, गुरदीप सिंह, जगमोहन सिंह, हरदीप सिंह, हरपाल सिंह ने लगभग आठ फीट ऊँची लोहड़ी को मिल कर शुभाग्नि दी।
इसके बाद उपस्थित जीजीईएस परिवार के ढाई सौ स्टाफ सदस्यों ने लोहड़ी में तिल, मूंगफली, लावा, इत्यादि होम किया। सबने मिल कर लोहड़ी-गीतों पर जम कर नृत्य किया। कार्यक्रम में जलपान की व्यवस्था रही। Video: जीजीपीएस सेक्टर 5 के टीचर ने किया जबरदस्त डांस
कहा जाता है कि लोहड़ी का त्योहार सूर्यदेव और अग्नि को समर्पित है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि लोहड़ी के पर्व के माध्यम से नई फसल का भोग सभी देवताओं तक पहुंच जाता है। कहा जाता है अग्निदेव और सूर्य को फसल समर्पित कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।
इस दौरान लोग “सुंदर मुंदरिए हो तेरा कौन विचारा हो” पराम्परिक लोहड़ी गाकर खूब जश्न मनाया जाता है ।
मकर संक्राति पर घी के साथ खिचड़ी खाने की मान्यता
लोहड़ी पर्व के बाद जिले भर में मकर संक्राति मनाई जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश के लोग पारम्परिक तरीके से अन्न की पूजा कर इसका दान करते हैं। मकर संक्रांति पर्व पर तिल, दही-चूड़ा गुड़ और मूंगफली का विशेष महत्व होता है। सर्दियों के समय आने वाले इस त्यौहार में घी के साथ खिचड़ी खाने की मान्यता है। इस अवसर पर धार्मिक स्नान करने का भी महत्व रहता है।