Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) से ₹1 में जमीन लेकर कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाएं शादी और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन कर लाखों रुपया कमा रही है। बीएसएल (BSL) के सीनियर अधिकारी इस बात को जानते हैं, फिर भी चुप रहकर नजरअंदाज किए हुए हैं। बीएसएल कर्मी या अधिकारी अगर खुद भी इन संस्थाओं में शादी या कोई अन्य कार्यक्रम का आयोजन करवाते हैं तो उनको मोटी रकम चुकानी पड़ती है।
बोकारो शहर के विस्तार और लोगों जरूरतों को देखते हुए बोकारो स्टील प्रबंधन (BSL) ने सभी समुदाय के लोगों की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों के लिए बोकारो शहर में रियायती दर पर जमीन का आवंटन किया गया। किसी को 10 डिसमिल तो किसी को दो एकड़ तक जमीन रियायती किराए पर दी गई है।
कुछ संस्थाओं ने सामाजिक काम के लिए जमीन ली, मगर उसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। बोकारो स्टील प्रबंधन (BSL) से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिली जानकारी के अनुसार 35 संस्थाओं को बीएसएल द्वारा जमीन रियायती किराए पर दी गई। इसमें एनआइपीएम , इंजीनियर्स क्लब व आइएमए की चर्चा नहीं है ।
जिन्हें जमीन दी गई है , उनमें अधिकांश संस्थाओं के भवन और जमीन पर दूसरे काम हो रहे हैं । संस्थाओं को दिए गए कई भूखंडों को टेंट व कैटरिंग सर्विस वालों को किराए पर दे दिया गया है। उनकी एक दिन की कमाई 30,000 से तीन लाख रुपये तक है। कहीं रियायती जमीन पर मैरिज हाल बना दिया गया है, जिसका रोज का मोटा किराया आ रहा है। संस्थाओं ने जमीन रियायती किराए पर ली है, मगर व्यावसायिक परिसर के इस्तेमाल पर आम लोगों को रियायत नहीं देते।
25 डिसमिल जमीन ली, एक एकड़ पर कब्जा:
संस्थाओं को प्रबंधन ने 25 से 50 डिसमिल तक जमीन दी है, मगर कई ने इससे चार गुणा ज्यादा पर कब्जा कर लिया है। नयामोड़ में आदिवासी संस्कृति विकास परिषद के नाम से आवंटित है। संस्था को 25 डिसमिल दी गई थी , लेकिन यहां एक एकड़ अतिरिक्त जमीन पर टेंट निर्माण कर लिया गया है।
भारत सेवाश्रम को भी ₹ 25 डिसमिल जमीन दी गई। यहां भी ज्यादा जमीन अधिगृहित है। सूचना के अधिकार के तहत बताया गया है कि बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन के नाम से नयामोड़ में जमीन दी गई है वहां खोजने पर नहीं मिली।
वर्ष में एक रुपये किराया-
जिन संस्थाओं को जमीन दी गई है, उनमे बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन, बिरसा आश्रम, बोकारो स्टील आफिसर्स एसोसिएशन, जैन मिलन केंद्र, सेक्टर दो गुरुद्वारा व विवेकानंद संघ से काफी कम किराया लिया रहा है। इनसे वार्षिक भूमि किराया मात्र एक रुपये लिया जाता है । वहीं भगवान जगरनाथ मंदिर से प्रत्येक वर्ष 24 रुपये तो कैथोलिक चर्च सेक्टर चार को 19,602 रुपया देना पड़ता है।
बोकारो टाउनशिप मैं अब रोड में या घरों पर टेंट लगाकर शादी करने का प्रचलन बहुत कम हो गया है। अधिकतर लोग मैरिज हॉल और होटलों में शादी की पार्टी का आयोजन करना पसंद कर रहे हैं। पिछले एक दशक से मैरिज हॉल और होटलों में शादी, तिलक, इंगेजमेंट, बर्थडे पार्टी आदि खूब हो रहे हैं। इस कारोबार से जुड़े लोग लाखों रुपया कमा रहे है। बीएसएल के जमीन पर हो रहे इस कारोबार से कंपनी प्रबंधन को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है।
स्टील ऑथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की इकाई बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) का टाउनशिप करीब 17000 एकड़ में फैला हुआ है।
Source : Dainik Jagran – Bokaro