Bokaro: ज़िले में कोरोना के मरीज 1000 से ज्यादा हो गए फिर भी RTPCR लैब चालू नहीं हो पाया। आरटीपीसीआर लैब के रहने से कोविड -19 टेस्टिंग की रफ़्तार बढ़ेगी जिससे वायरस के प्रसार को रोकने में काफी मदद मिलेगी। जिला स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सेक्टर-5 स्वास्थ्य केंद्र में RTPCR लैब का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है, लेकिन अभी आरटीपीसीआर मशीन नहीं लगी है।
बोकारो की आरटीपीसीआर प्रयोगशाला उन छह प्रयोगशालाओं में से एक है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने 20 अप्रैल, 2021 को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए की थी। बोकारो के अलावा गुमला, रांची के सदर अस्पताल, चाईबासा, जमशेदपुर, गोड्डा और देवघर में RTPCR लैब बनाए जाने है।
पिछले दो कोविड लहरों की तरह, बोकारो की स्वास्थ्य मशीनरी RTPCR परीक्षणों के लिए PMCH धनबाद और RIMS रांची पर निर्भर है। जिससे परिणाम आने में लगभग 2 से 4 दिन लग जा रहे है। कोरोना की तीसरी लहर पीक पर पहुंचने वाली है और अभी तक यहां का RTPCR लैब चालू नहीं हो पाया है।
RTPCR लैब शीघ्र शुरू करवाने के लिए बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री,सरकार के मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह से उन्होंने दूरभाष पर बात भी की।
विधायक ने कहा कि पिछले 2 साल से बोकारो की जनता के हित को देखते हुए वह लगातार विभाग से RTPCR लैब स्थापित करने के लिए संपर्क करते रहे है। सम्बंधित विभाग द्वारा हमेशा से सिर्फ आश्वासन मिलता रहा है। स्थल की कमी थी उसके लिए बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने तात्कालीन इस्पात मंत्री श्री धमेंद्र प्रधान जी के पहल से उपलब्ध हो गया है। पर अब भी लैब शुरू नहीं हो पाया है।
बोकारो विधायक ने कहा कि इस संबंध में दिनांक 22.09.2020 को विधानसभा में प्रश्न भी किया था, जिसका जवाब भी सकारात्मक आया था। आखीर इतने महत्वपूर्ण विषय पर सरकार अथवा विभाग का गंभीर नहीं होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सब जानते है कि कोरोना को यदि रोकना है तो ज्यादा से ज्यादा जाँच कराकर ही रोका जा सकता है। बोकारो और आस-पास के व्यापक जनहित में कोरोना से बचाव एवं राहत के लिए RTPCR लैब शीघ्र शुरू अतिआवश्यक है